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मध्याह्न भोजन में शामिल होगा कोदो-कुटकी और रागी

सीएम का मिलेट्स आधारित उद्योगों को बढ़ावा देने पर जोर। कुपोषित व एनीमिक बच्चों और महिलाओं को कार्ययोजना में शामिल किया जाएगा।

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राज्य सरकार छत्तीसगढ़ में कुपोषण को नियंत्रण करने के लिए आश्रमों एवं मध्याह्न भोजन में मिलेट्स (कोदो-कुटकी, रागी) को शामिल करने के साथ-साथ मिलेट्स आधारित उद्योगों को बढ़ावा देगी। इसके लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मुख्य सचिव अमिताभ जैन को संबंधित विभागों से चर्चा कर कार्ययोजना तैयार करने को कहा है। उन्होंने छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन की कार्य योजना में कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक महिलाओं को भी शामिल करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा, छत्तीसगढ़ देश का एकमात्र राज्य है जिसने कोदो, कुटकी तथा रागी का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय करने के साथ-साथ खरीदी की भी व्यवस्था की है। साथ ही इन फसलों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना के दायरे में शामिल करते हुए मिलेट्स उत्पादक किसानों को 9000 रुपए प्रति एकड़ की इनपुट सब्सिडी भी दी जा रही है। राज्य में मिलेट्स की खेती का रकबा 69 हजार हेक्टेयर से बढ़कर एक लाख 88 हजार हेक्टेयर हो गया है।
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अभी तक चार नए उत्पाद विकसित
आईआईएमआर हैदराबाद के सहयोग से राज्य में 4 नये मिलेट आधारित उत्पाद विकसित किए गए हैं। ये उत्पाद हैं मिलेट खिचड़ी, मिलेट खीर, मिलेट लड्डू और रागी पोरेज। मिलेट्स के प्रसंस्करण में तेजी लाने के लिए 20 वन धन विकास केंद्रों में प्राथमिक प्रसंस्करण केंद्र स्थापित करने की तैयारी की जा रही है। छत्तीसगढ़ मिलेट मिशन के तहत मिलेट की उत्पादकता को प्रति एकड़ 4.5 क्विंटल से बढ़ाकर 9 क्विंटल यानी दोगुना किए जाने का भी लक्ष्य है।