
Mahashivratri 2021: सबसे बड़े शिव मंदिर में अष्टगंध चंदन से होगा शृंगार, भक्त दूर से करेंगे जलाभिषेक
रायपुर. महाशिवरात्रि पर्व (Mahashivratri 2021) को लेकर शिवालयों में भक्तों की भीड़ को देखते हुए तैयारियों की रूपरेखा तय की जा रही है। राजधानी के धार्मिक स्थान महादेवघाट में प्राचीन हटकेश्वर महादेव के दरबार में इस बार व्यवस्था बदली-बदली से नजर आएगी।
समिति का मानना है कि चूंकि कोरोना का खतरा कम हुआ है, लेकिन अभी टला नहीं है, इसलिए जलाभिषेक और दुग्धाभिषेक की व्यवस्था सावन जैसा रहेगी। भोलेबाबा के मुख्य दरबाजे पर कलश को पाइपलाइन से जोड़ा जा रहा है, उसी से भक्त अभिषेक पूजन करेंगे। गेट से ही दर्शन कर भक्तों को लौटना होगा। इसी तरह प्राचीन बुढ़ेश्वर महादेव, नरहरेश्वर महादेव का बारी-बारी से भक्त अभिषेक पूजन कर सकेंगे।
महाशिवरात्रि पर्व 11 मार्च को है। इस अवसर पर शिवालयों में सबसे अधिक भक्तों की भीड़ होती है। प्रमुख शिव मंदिर सेवा समितियों ने सेनिटाइज और मास्क को अनिवार्य किया है। वहीं बारी-बारी से अभिषेक पूजन कराने की व्यवस्था बनाने के लिए सेवादारी तैनात रहेंगे। महादेवघाट में हर साल 10 से 15 हजार भक्त अभिषेक पूजन करने पहुंचते हैं।
इस बार भोलेबाबा साफा में दर्शन देंगे। मंदिर के महंत सुरेश गिरी के अनुसार भक्तों को मंदिर में प्रवेश नहीं मिलेगा। भोलेबाबा का अष्टगंध चंदन से शृंगार और गुलाब की पंखुड़ियों से दरबार को सजाया जाएगा। गेट से दर्शन कर वापस लौटना होगा। दोपहर 1 बजे भोलेबाबा की बारात सत्यम विहार कॉलोनी तक निकलेगी, जहां भगवान का माता गौरी के साथ विवाह की रस्में संपन्न की जाएंगी।
भूमि शोधन कर शिव मंदिर की आधारशिला रखी जाएगी
गायत्री शक्तिपीठ के मुख्य प्रबंध ट्रस्टी श्याम बैस की अध्यक्षता में ट्रस्टियों की शुक्रवार को बैठक हुई। महाशिवरात्रि पर्व पर परिसर में भोलेबाबा के मंदिर निर्माण के लिए भूमि शोधन कर आधारशिला रखी जाएगी। शिवरात्रि महोत्सव में अभिषेक पूजन संस्कार के कार्यक्रम होंगे। बैठक में ट्रस्टी हथमल, हनुमान प्रसाद अग्रवाल, दीनानाथ शर्मा, आदर्श वर्मा आदि ने कार्यक्रम की रूपरेखा पर चर्चा की।
Published on:
08 Mar 2021 10:08 am
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