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रायपुर. पहले मिलेट अफ्रीका महाद्वीप में ज्यादा उगाए जाते थे। लेकिन आज यूरोप से लेकर एशिया के अनेक देशों में उत्पादन किए जाने लगे हैं। भारत के कई राज्यों में इसकी खेती की जाती है। छत्तीसगढ़ में मिलेट के उत्पादन की स्थिति में सुधार हो रहा है। मिलेट्स का उत्पादन इसलिए भी आवश्यक है, क्योंकि आने वाले खाद्य संकट से निपटने के लिए मिलेट ही कारगर साबित हो सकता है।
इसके उत्पादन के लिए लागत एवं पानी की आवश्यकता कम होती है। मिलेट एक एन्टीऑक्सीडेंट डाइट है, जिससे गम्भीर बीमरियों से छुटकारा मिल सकता है। यह कहा, छत्तीसगढ़ कॉलेज के प्रो. विमल कुमार कानूनगो ने। वे गवर्नमेंट साइंस कॉलेज में बॉटनी, माइक्रोबॉयोलाजी और बॉयोटेक्नोलॉजी विभाग के संयुक्त तत्वावधान में ‘मिलेट ए फ्यूचर फूड’ पर व्याख्यान एवं पोस्टर प्रतियोगिता में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे।
भोजन में शामिल करें तो बढ़ेगा उत्पादन
कानूनगो ने कहा, मिलेट के अंतर्गत आने वाले विभिन्न प्रजातियां कोदो, कुटकी, रागी, ज्वार, बाजरा के वनस्पतिक लक्षण बताते हुए कहा, यदि हम सब मिलेट्स को भोजन में शामिल करते हैं, तो जो इसका उत्पादन भी बढ़ेगा। मिलेट्स के प्रोसेसिंग और वैल्यू एडेड से बनने वाले उत्पाद के बारे में जानकारी दी गई। बताते चलें कि संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट क्रॉप वर्ष घोषित किया गया है।
Published on:
04 Oct 2023 06:40 pm
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