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दंग रह गई पुलिस जब ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का आठ साल बाद एेसे खुला राज, दोस्त निकला आरोपी

आठ साल पहले गायब शख्स को लेकर पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि आठ साल पहले गायब शख्स की हत्या कर दी गई है।

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दंग रह गई पुलिस जब ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री का आठ साल बाद एेसे खुला राज, दोस्त निकला आरोपी

रायपुर. छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में आठ साल पहले गायब शख्स को लेकर पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। पुलिस ने बताया कि आठ साल पहले गायब शख्स की हत्या कर दी गई है। मामले का खुलासा करते हुए पुलिस ने बताया कि गुमशुदा शख्स के हत्यारे और कोई नहीं बल्कि उसके दोस्त ही हैं, जिन्होंने मामूली-सी बात पर गला दबाकर उसकी हत्या कर दी थी।

पुलिस के मुताबिक हत्यारों ने कत्ल के बाद शव को छुपाने के लिए रायपुर से दूर गरियाबंद के पास एक नाले में फेंक दिया। करीब आठ साल बाद मामले का खुलासा हुआ, जब पुलिस ने गुमशुदा इंसान की तलाश के लिए अभियान चलाया। पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार कर लिया है।

ये है पूरा मामला
पुलिस के मुताबिक यह घटना आठ साल पहले रायपुर के न्यू राजेंद्र नगर के बजाज कॉलोनी सेक्टर-1 की है। इसी कॉलोनी के नंदकिशोर मनहरे, राजेश कुमार उर्फ रिंका यादव, अवलेश धृतलहरे उर्फ मोनू और अन्य लोग कॉलोनी में गणेश प्रतिमा स्थापित करते थे। इसके लिए गणेशोत्सव समिति बनाया था। समिति में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद को लेकर नंदकिशोर का अन्य लोगों से विवाद हो गया। इस दौरान नंदकिशोर ने एक नाबालिग की पिटाई कर दी थी। इससे अवलेश, राजेश और समिति के अन्य लोग नाराज हो गए।

16 जुलाई 2010 की रात करीब 10.30 बजे शिवमंदिर के पास समिति के सदस्य बैठे थे। इस दौरान नंदकिशोर की अवलेश और राजेश से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि अवलेश और राजेश ने नंदकिशोर की गला दबाकर हत्या कर दी। यह बात किसी को पता न चले इसलिए अवलेश और राजेश ने रात में ही नंदकिशोर के शव को छिपाने की योजना बनाई। दोनों ने शव को मोटरसाइकिल पर रखकर राजिम ले गए और वहां ग्राम लोहरसी के पास सरगी नाला में फेंक दिया। अगले दिन शव मिला।

दूसरे दिन इलाके में शव मिलने पर राजिम पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया, लेकिन आरोपियों को ढूंढ नहीं पाई। दूसरी ओर नंदकिशोर के परिजनों ने राजेंद्र नगर थाने में उसके गुमशुदा होने की शिकायत की। पुलिस ने गुमशुदा का मामला दर्ज कर लिया। इसके बाद से उसका कुछ पता नहीं चला। दोनों थानों की पुलिस ने उसकी तलाश नहीं की और न ही हत्यारों को ढूंढने की कोशिश की।

गुमशुदगी की रिपोर्ट हुई थी दर्ज
गुमशुदा इंसान के मामलों की जांच के दौरान पुलिस मृतक के परिजनों और मोहल्लों वालों के पास पहुंची। वहां उसके दोस्तों के बारे में पता चला। उनसे पूछताछ की गई, तो उसकी हत्या और आरोपियों के बारे में सुराग मिला। इसके बाद क्राइम ब्रांच की टीम और राजेंद्र नगर पुलिस ने राजिम पुलिस से संपर्क किया।

नंदकिशोर की फोटो की पहचान उसके परिजनों से कराई गई। परिजनों ने उसकी शिनाख्त कर ली। इसके बाद पुलिस ने तीन संदेहियों को पकड़ा और अलग-अलग उनसे पूछताछ की गई। इनमें अवलेश और राजेश कुमार की संलिप्तता सामने आई। पुलिस ने दोनों को हत्या के आरोप में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। एक अन्य युवक मामले में गवाह बन गया।