
छत्तीसगढ़ आ रहे MP और महाराष्ट्र के बाघ, चल रही है खास तैयारी, अचानकमार टाइगर रिजर्व बनेगा बसेरा
राकेश टेंभुरकर@रायपुर. छत्तीसगढ़ के जंगलों में जल्द ही मध्यप्रदेश स्थित कान्हा और महाराष्ट्र चंद्रपुर के ताबोड़ा टाइगर रिजर्व के बाघों की दहाड़ सुनाई देगी। राष्ट्रीय बाघ प्राधिकरण(एनटीसीए) और दोनों ही राज्यों से सहमति मिलने के बाद वन विभाग के अधिकारी इसकी तैयारियों में जुटे हुए है। बाघों को लाने के लिए दस्तावेजी खानापूर्ति करने सितंबर में वन विभाग की टीम दोनों ही टाइगर रिजर्व का दौरा करेगी।
इसके बाद अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में इसे लाने की योजना बनाई गई है। बताया जाता है कि ग्लोबल टाइगर फोरम के फील्ड निरीक्षण के बाद उनकी सलाह पर अचानकमार टाइगर रिजर्व के सांभर धसान कोर एरिया के 78.78 वर्ग किमी. में पहले दो मादा बाघ को छोड़ा जाएगा। इसके बाद एक नर बाघ को छोड़े जाने के योजना बनाई गई है।
बाघों की संख्या बढ़ाने के लिए स्टेट वाइल्ड लाइफ बोर्ड की बैठक में मध्यप्रदेश तथा महाराष्ट्र से बाघ लाने सहमति मिलने के बाद वन विभाग ने ग्लोबल टाइगर फोरम से अनुबंध किया है। बता दें कि एनटीसीए की रिपोर्ट के अनुसार 2022 की गणना के अनुसार प्रदेश में 17 बाघ है।
2018 में इनकी संख्या 19 और 2014 में 46 बाघ थे। वन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बड़ी संख्या में बाघों के शिकार, आकस्मिक और विचरण करते हुए दूसरे राज्यों में चले जाने के कारण इनकी संख्या कम हुई है।
Published on:
21 Aug 2023 04:05 pm
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