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छत्तीसगढ़ में पहली बार एम्स में हो रहा एमपीएच कोर्स

हार्टअटैक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व पोलियो को रोकने के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही जलवायु परिवर्तन व जनसंख्या आधारित स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करने के उपाय सिखाए जाएंगे।

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छत्तीसगढ़ में पहली बार एम्स में हो रहा एमपीएच कोर्स

छत्तीसगढ़ में पहली बार एम्स में हो रहा एमपीएच कोर्स

रायपुर. प्रदेश में पहली बार राजधानी के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के मेडिकल कॉलेज में मास्टर इन पब्लिक हेल्थ (एमपीएच) कोर्स संचालित किया जा रहा है। एम्स में प्रस्तावित 6 सीटों पर छात्रों ने एडमिशन लेकर पढ़ाई भी शुरू कर दी है। यह दो साल की अवधि का फुल टाइम कोर्स है, जिसमें 4 सेमेस्टर है।

इस कोर्स के लिए योग्य आवेदकों का चयन एंट्रेंस टेस्ट और पर्सनल इंटरव्यू के आधार पर किया गया है। इस कोर्स को करने के लिए आवेदकों के पास एमबीबीएस, बीडीएस या आयुष की डिग्री होना जरूरी है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस कोर्स में लाइफ स्टाइल से जुड़ी बीमारियों की रोकथाम के बारे में विशेष जानकारी दी जाएगी। हार्टअटैक, ब्लड प्रेशर, डायबिटीज व पोलियो को रोकने के उपाय बताए जाएंगे। साथ ही जलवायु परिवर्तन व जनसंख्या आधारित स्वास्थ्य समस्याओं को समाप्त करने के उपाय सिखाए जाएंगे।

5 नए कोर्स भी हो रहे संचालित
एम्स में इस साल 5 नए कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इसमें बीएससी ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी, बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी इन रेडियोग्राफी, बैचलर इन आडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी, बीएसएसी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी और प्री हॉस्पिटल ट्रामा टेक्नीशियन कोर्स शामिल है। साढ़े तीन साल के बीएससी ऑपरेशन थियेटर टेक्नोलॉजी में 8 सीटें, 3 साल के बीएससी मेडिकल टेक्नोलॉजी इन रेडियोग्राफी में 5 सीटें, 4 साल के बैचलर इन आडियोलॉजी एवं स्पीच लैंग्वेज पैथोलॉजी में 4 सीटें, 3 साल के बीएसएसी मेडिकल लैबोरेटरी टेक्नोलॉजी में 8 सीटें तथा 1 साल के प्री हॉस्पिटल ट्रामा टेक्नीशियन में 10 सीटें हैं।

एम्स में मास्टर इन पब्लिक हेल्थ कोर्स के साथ 5 अन्य कोर्स भी शुरू किया गया है। मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ में पहला सरकारी संस्थान है, जहां पर यह कोर्स संचालित हो रहा है।

डॉ. सूर्यप्रकाश धनेरिया, डीन, एम्स रायपुर

एम्स में जैसे-जैसे सुविधाएं बढ़ रही है, वैसे-वैसे मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। 2700 के ऊपर ओपीडी पहुंच गई है। मेडिकल कॉलेज में नए-नए कोर्स संचालित किए जा रहे हैं। इससे डॉक्टरों की कमी दूर होगी।
नीरेश शर्मा, डिप्टी डायरेक्टर(प्रशासनिक), एम्स रायपुर