
शिक्षकों की भारी कमी से शिक्षा व्यवस्था प्रभावित (photo source- Patrika)
ABVP Adhiveshan: अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) का तीन दिवसीय प्रांत अधिवेशन भिलाई में हुआ। अधिवेशन में परिषद ने प्रदेश के स्कूलों में छात्रों की कम उपस्थिति और शिक्षकों के 30 हजार से अधिक रिक्त पदों पर चिंता जाहिर की। साथ ही यह भी कहा कि सरकार द्वारा केवल 5 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा निराशाजनक हैं।
गुरुवार को एबीवीपी के प्रदेश मंत्री अनंत सोनी, प्रथम फुटाने व अन्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के आंकड़ों के अनुसार छात्रों की स्कूलों में कम उपस्थिति यह उस समय और चिंताजनक हो जाती है, जब शासन-प्रशासन का लक्ष्य स्कूलों में छात्रों की सौ फीसदी उपस्थिति सुनिश्चित करें।
आंकड़ों के अनुसार प्राथमिक वर्ग कक्षा एक से पांच में कुल नामांकन 1,51, 821 हैं, लेकिन औसत दैनिक उपस्थिति केवल 1, 03, 462 दर्ज की गई है। जबकि औसत उपस्थिति केवल 44, 806 रहती है। यानी यहां 44 प्रतिशत छात्र प्रतिदिन अनुपस्थित पाए जा रहे हैं। इसी तरह प्रदेश में 200180 पदों में से 30561 पद रिक्त हैं, किंतु सरकार द्वारा केवल 5 हजार शिक्षकों की भर्ती की घोषणा निराशाजनक है।
अधिवेशन में इस बात की भी चर्चा हुई कि छत्तीसगढ़ व्यापमं यहां के युवाओं को सरकारी नौकरी का अवसर प्रदान करने वाला महत्वपूर्ण माध्यम है, पर बढ़ती अनियमितताएं एवं पारदर्शिता पर लगातार सवाल उठ रहा है। पिछले दिनों एडीईओ भर्ती परीक्षा के समय बिलासपुर में नकल प्रकरण की घटना तथा लगातार प्रश्न विलोपन और परीक्षा के समय प्रतिभागियों की चेकिंग में धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की खबरों ने व्यापमं की पारदर्शिता और गंभीरता पर प्रश्न चिह्न खड़ा किए हैं।
ABVP Adhiveshan: उन्होंने बताया कि परिषद ने अधिवेशन में सरकार से छत्तीसगढ़ की शैक्षणिक व्यवस्था में सुधार के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाने का आग्रह किया। कौशल युक्त शिक्षा को सुदृढ़ करने के लिए राष्ट्रीय कौशल प्रशिक्षण संस्थान तथा छत्तीसगढ़ कौशल प्रशिक्षण विश्वविद्यालय की स्थापना की जाए, जिससे युवाओं को समावेशी एवं रोजगारोन्मुख शिक्षा प्राप्त हो।
Published on:
26 Dec 2025 08:05 am
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