चुनाव में दहशत फैलाने नक्सलियों का बड़ा हमला, मुठभेड़ में दूरदर्शन के कैमरामैन और दो जवान शहीद
दंतेवाड़ा/रायपुर. बस्तर संभाग में 12 नवम्बर को होने वाले पहले चरण के चुनाव से पूर्व माओवादियों ने दंतेवाड़ा जिले में अरनपुर के नीलावाया में मंगलवार को एक बड़ी वारदात को अंजाम दिया। माओवादियों ने घात लगाकर गोलियां बरसाईं, जिसमें दूरदर्शन का एक कैमरामैन और राज्य पुलिस के सब-इंस्पेक्टर (एसआइ) व सहायक आरक्षक शहीद हो गए। इस हमले में दो पुलिस जवान घायल हो गए हैं।
दूरदर्शन टीम उस पोटली गांव में कवरेज के लिए जा रही थी, जहां वर्ष 1998 से स्थानीय ग्रामीणों ने चुनाव में मतदान ही नहीं किया है। राज्य के स्पेशल डीजी (नक्सल ऑपरेशन) डी.एम. अवस्थी ने बताया है कि इस मुठभेड़ में दो माओवादी भी मारे गए हैं। बता दें कि इससे पहले २७ अक्टूबर को बीजापुर जिले में माओवादियों द्वारा किए आइइडी विस्फोट में चार जवान शहीद हो गए थे। छत्तीसगढ़ में पहले चरण में 18 सीटों पर 12 नवम्बर को वोटिंग होगी, जबकि दूसरे चरण में 78 सीटों पर 20 नवम्बर को मतदान होगा।
एेसे घटी घटना : घटना के सम्बंध में बताया जाता है कि अरनपुर थाना से एसआइ रूद्रप्रताप सिंह की अगुवाई में सुबह बाइक से ३0 जवानों की टुकड़ी नीलावाया की ओर गश्त पर निकली थी। इनके साथ ही नई दिल्ली से आई दूरदर्शन की तीन सदस्यीय टीम भी गई थी। टीम में कैमरामैन अच्युतानंद साहू, रिपोर्टर धीरज कुमार और मोरमुक्त शर्मा थे।
सुबह करीब 11 बजे जब जवान नीलावाया से गुजर रहे थे, तो सडक़ की एक ओर जंगलों में घात लगाकर बैठे माओवादियों ने गोलीबारी शुरू कर दी। टुकड़ी के आगे चल रहे एसआइ रूद्रप्रताप को शुरुआती हमले में ही चेहरे पर गोली लगी और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इसके बाद सहायक आरक्षक मंगलूराम मंडावी और कैमरामैन साहू भी गोलीबारी का शिकार हो गए। जवानों ने भी मोर्चा संभाला और करीब आधे घंटे तक मुठभेड़ चली। मुठभेड़ में सहायक आरक्षक राकेश कौशल और आरक्षक विष्णु नेताम भी घायल हो गए। दंतेवाड़ा में प्राथमिक उपचार के बाद दोनों को हेलिकॉप्टर से रायपुर भेजा गया।
तीन घंटे पहले फेसबुक पर पोस्ट किए थे फोटो : मूलत: ओडिशा के रहनेवाले अच्युतानंद साहू यहां डॉक्यूमेंट्री बनाने आए थे। उन्होंने अपनी मौत से तीन घंटे पहले ही बस्तर की खूबसूरती से जुड़ी तस्वीरें फेसबुक पर डाली थी। इस पर काफी कमेंट्स आ रहे थे।
कहा- माओवादी नहीं चाहते मतदान हो, लेकिन ग्रामीण अड़े हुए हैं दंतेवाड़ा के एसपी अभिषेक पल्लव ने कहा कि 30 जवानों ने 300 माओवादियों को खदेड़ दिया, नहीं तो घटना और भी बड़ी हो सकती थी। एसपी अपनी बात कहते-कहते कई बार रो पड़े। माओवादी पिछले 10 दिनों से ग्रामीणों की पिटाई कर रहे हैं। वे चाहते थे कि गांव तक जाने वाली सडक़ों को काट दें, जबकि ग्रामीण इसका विरोध कर रहे थे। एक तरफ वे गांववालों को मतदान करने से रोकना चाहते हैं, दूसरी तरफ ग्रामीण मतदान करने पर आमादा हैं। इसलिए बौखलाकर माओवादियों ने इस किस्म की कायराना वारदात की है।
दूरदर्शन के रिपोर्टर धीरज ने बताया मेरे सामने गिरा अच्युतानंद बिहार के बेगुसराय के रहनेवाले धीरज कुमार दूरदर्शन की तरफ से कवरेज करने गई टीम के सदस्य थे। जिस इलाके में यह लोग कवरेज करने गए थे, वह इलाका समेली के सीआरपीएफ कैंप से करीब पांच किलोमीटर दूरी पर है। धीरज कुमार ने बताया है कि हम नीलावाया में पोटली गांव में नए बने मतदान केंद्र के कवरेज की योजना बना रहे थे, जहां पर वर्। 1998 से अबतक लोगों ने वोट नहीं किया।
धीरज ने बताया कि हमारी टीम के साथ करीब आधा दर्जन मोटरसाइकिलों पर सवार सुरक्षाकर्मी भी थे। करीब 10 बजकर 25 मिनट पर मैंने देखा कि हमारे साथ जो सबसे आगे मोटरसाइकिल चल रही थी, वह चलते-चलते अचानक पलट गई। पहली मोटरसाइकिल के पीछे मेरा कैमरामैन अच्युतानंद साहू था। उसकी कनपटी पर गोली लगी और वह भी मेरी आंखों के सामने गिर गया। धीरज ने कहा कि मेरी मोटरसाइकिल का भी संतुलन बिगड़ गया और मैं भी एक गड्ढे में गिर गया। 45 मिनट तक मैं उसी गड्ढे में पड़ा रहा। इस दौरान कई राउंड गोलियां मेरे इर्द-गिर्द से गुजरी। फिर मैं जब बाहर निकला, तो वहां का दृश्य देख हैरत में पड़ गया।
माओवादियों की कायरतापूर्ण और शर्मनाक हरकत मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि यह माओवादियों की कायरतापूर्ण और शर्मनाक हरकत है। इस हमले में शहीद पुलिस जवान और दूरदर्शन कैमरामैन की शहादत पर गहरा दुख है।
राठौर ने 15 लाख के मदद की घोषणा की केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर ने डीडी के कैमरामैन अच्युतानंद साहू की मौत पर शोक जताया है। उन्होंने कैमरामैन के आश्रितों के लिए १० लाख और पीआइबी पत्रकार होने के तौर पर ५ लाख की मदद की घोषणा की। उन्होंने कहा, मैं ऐसे सभी मीडियाकर्मियों को सलाम करता हूं जो इस तरह के खतरनाक इलाकों में कवरेज के लिए जाते हैं।
राहुल गांधी ने ट्वीट किया छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए माओवादी हमले की खबर से मुझे बहुत दुख पहुंचा है।
डीजी नक्सल ऑपरेशन बोले, हमले का चुनाव से लेना-देना नहीं रायपुर ञ्च पत्रिका. स्पेशल डीजी (नक्सल ऑपरेशन) डी.एम. अवस्थी ने कहा, माओवादी हमले का विधानसभा चुनाव से कोई लेना-देना नहीं है। वह पिछले काफी समय से सडक़ निर्माण कार्य का विरोध कर रहे हैं। इसे रोकने के लिए ही दंतेवाड़ा के अरनपुर के पास घात लगाकर हमला किया गया है।
मुठभेड़ के दौरान हुई फायरिंग में दो जवान शहीद हो गए। वहीं फोर्स के साथ जा रहे दिल्ली के डीडी न्यूज के कैमरामैन की मौत हो गई। घटना के तुरंत बाद फोर्स द्वारा जवाबी हमला किया गया है। करीब 1 घंटे तक फायरिंग हुई है। इसमें दो माओवादी भी मारे गए है। घटनास्थल के पास घसीटकर ले जाने और खून के निशान मिल हैं।
स्पेशल डीजी ने बताया, चुनाव को देखते हुए निर्वाचन आयोग के निर्देश पर केंद्रीय सुरक्षा बलों की 550 अतिरिक्त कंपनी को तैनात किया गया है। 2000 से अधिक जवान जंगल के अंदरूनी इलाकों में लगातार ऑपरेशन में चला रहे हैं। साथ ही पिछले 10 दिनों मे सर्चिंग अभियान चलाकर 37 आइइडी निकाले गए हैं। इसमें 50 से 60 किलो तक के विस्फोटक भी शामिल हैं।
बलरामपुर-रामानुजगंज …और यहां आइइडी की चपेट में आया चरवाहा अंबिकापुर/कुसमी. बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के सामरी थाना अंतर्गत ग्राम नवाडीह में मंगलवार को आइइडी ब्लास्ट में एक चरवाहे और मवेशी की मौत हो गई। यह आइइडी जंगल में सुरक्षाबलों को नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से माओवादियों ने लगाई थी।
माओवाद विरोधी खबरें छापने पर पत्रकार की हत्या रांची. झारखंड में चतरा जिले के सिमरिया थाना क्षेत्र में सोमवार देर रात एक दैनिक अखबार से जुड़े स्थानीय पत्रकार चंदन तिवारी की हत्या कर दी गई। माओवाद विरोधी खबरें छापने पर उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थीं । चंदन के परिजनों ने उनकी हत्या के लिए सिमरिया विधायक गणेश गंझू और उनके छोटे भाई व नक्सली संगठन टीएसपीसी के सुप्रीमो ब्रजेश गंझू समेत अन्य को जिम्मेदार ठहराया है। चतरा के पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की जांच के लिए एसआइटी का गठन किया गया है।
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