19 जुलाई 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
मेरी खबर

मेरी खबर

शॉर्ट्स

शॉर्ट्स

ई-पेपर

ई-पेपर

NEET PG Counselling 2025: काउंसलिंग कमेटी ने जारी की सूची, 292 छात्र अपात्र, स्टेट कोटे से नहीं मिलेगी MD-MS की सीटें

NEET PG Counselling 2025: प्रवेश नहीं लेने पर छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया से स्वत: ही बाहर हो जाएंगे। ऐसे में स्ट्रे वैकेंसी राउंड में शामिल नहीं हो सकेंगे।

NEET PG Counselling 2025: काउंसलिंग कमेटी ने जारी की सूची, 292 छात्र अपात्र, स्टेट कोटे से नहीं मिलेगी MD-MS की सीटें

NEET PG Counselling 2025: नीट पीजी क्वालिफाइड 292 छात्र स्टेट कोटे की काउंसलिंग में हिस्सा नहीं ले सकेंगे। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने उन्हें अपात्र घोषित कर दिया है। दरअसल, इन छात्रों को ऑल इंडिया कोटे से देश में कहीं न कहीं पीजी की सीटें आवंटित हुई हैं, इसलिए उन्हें राज्य काउंसलिंग के लिए अपात्र घोषित किया गया है। मापअप राउंड में प्रवेश चल रहा है। छात्र 15 फरवरी तक एडमिशन ले सकेंगे।

NEET PG Counselling 2025: अच्छे नीट स्कोर वाले छात्रों का चयन

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है। इनमें से ज्यादातर छात्रों ने काउंसलिंग में शामिल होने के लिए ऑनलाइन पंजीयन भी करवाया है। जिन छात्रों को अपात्र घोषित किया गया है, उनमें सीजी स्टेट मेरिट सूची के टॉप 10 के 8 छात्र शामिल हैं।

टॉप-10 से टॉप -20 में भी 7 छात्र शामिल हैं। यानी छात्रों की रैंक अच्छी है। ये स्वभाविक भी है। अच्छी रैंक व अच्छे नीट स्कोर वाले छात्रों का चयन ऑल इंडिया कोटे के लिए होता है। जिन्हें ऑल इंडिया से सीट नहीं मिल पाती, वे स्टेट कोटे से प्रवेश का प्रयास करते हैं।

यह भी पढ़ें: CG Vyapam : प्रदेश के दिव्यांगजनों को व्यापमं दे रही ये सुविधाएं, सरकारी नौकरी की भर्ती में ऐसे मिलेगी मदद

हालांकि प्रदेश में ऑल इंडिया व स्टेट कोटे से प्रवेश लेने का कोई विशेष फायदा नहीं है। दोनों ही कोटे के छात्र पीजी पूरा होने के बाद दो साल के बॉन्ड पर जाते हैं। ये अनिवार्य है। हालांकि कई रसूखदार छात्र बॉन्ड पर न जाकर प्रैक्टिस करते हैं या निजी अस्पतालों में सेवाएं देते हुए दिख जाते हैं।

212 सीटों के लिए 141 छात्र

NEET PG Counselling 2025: सोमवार को एमडी-एमएस कोर्स की खाली 212 सीटों के लिए 141 छात्रों के नाम हैं। एडमिशन प्रक्रिया 11 से शुरू हो गई है। प्रवेश नहीं लेने पर छात्र काउंसलिंग प्रक्रिया से स्वत: ही बाहर हो जाएंगे। ऐसे में स्ट्रे वैकेंसी राउंड में शामिल नहीं हो सकेंगे। दो राउंड के बाद भी नेहरू मेडिकल कॉलेज में ही रेडियोलॉजी, ऑब्स एंड गायनी, डर्मेटोलॉजी, चेस्ट, पीडियाट्रिक, जनरल सर्जरी, ऑप्थेलमोलॉजी, ऑर्थोपीडिक, रेडियोथैरेपी, एनीस्थीसिया जैसी महत्वपूर्ण सीटें खाली हैं।