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बस्तर से होगा कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष,मोहन मरकाम और मनोज मंडावी प्रबल दावेदार

राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने शाम को कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी को अपने आवास पर मुलाकात के लिए बुलाया था। दोनों की इस मुलकात ने इस सम्भावना को बल दे दिया की प्रदेश का अगला अध्यक्ष (chhattisgarh state president) बस्तर से हो सकता है

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बस्तर से होगा कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष,मोहन मरकाम और मनोज मंडावी प्रबल दावेदार

रायपुर. कांग्रेस का अगला प्रदेश अध्यक्ष (chhattisgarh state president) बस्तर संभाग से हो सकता है। सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ बस्तर के दो वरिष्ठ विधायकों की मुलाकात ने इसकी संभावना को बल दे दिया है। राहुल गांधी ने शाम को कोंडागांव विधायक मोहन मरकाम और भानुप्रतापपुर विधायक मनोज मंडावी को अपने आवास पर मुलाकात के लिए बुलाया था। प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया दोनों को लेकर राहुल गांधी के घर पहुंचे ।

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वहां राहुल ने मोहन मरकाम और मनोज मंडावी से अलग-अलग मुलाकात की। करीब 20-20 मिनट की इन मुलाकातों के दौरान पीएल पुनिया भी मौजूद रहे। मोहन मरकाम ने इसे औपचारिक मुलाकात बताया है, लेकिन बताया जा रहा है कि राहुल मिनट गांधी ने इस मुलाकात में दोनों विधायकों से उनकी सामाजिक-राजनीतिक पृष्ठभूमि की जानकारी ली। उनसे पूछा कि वे कबसे विधायक हैं, विधानसभा और उसके बाहर जनता के मसलों पर उनकी सक्रियता कैसी है।

बताया जा रहा है कि राहुल गांधी ने मुलाकात के लिए दोनों विधायकों को समय दिया था। इसके लिए दोनों नेता दिल्ली में डेरा डाले हुए थे। सरगुजा संभाग से सीतापुर के विधायक अमरजीत भगत का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष के प्रमुख दावेदार के तौर पर चल रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि भगत के नाम को लेकर सरगुजा की स्थानीय राजनीति में कुछ आपत्तियां हैं। संभव है कि भगत को मंत्रिमंडल में जगह दे दी जाए।

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दोनों ने बस्तर का महत्व समझाया
राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं ने उन्हें बस्तर का राजनीतिक महत्व समझाया। दोनों विधायकों ने कहा, बस्तर ने कांग्रेस को विधानसभा में 11 और लोकसभा की एक सीट दिया है। भाजपा का भी प्रदेश अध्यक्ष बस्तर से ही है। भाजपा सरकार में यहां से दो मंत्री होते रहे हैं। शेष विधायकों को भी मंडल, आयोग और प्राधिकरण में पद मिला था।

ऐसी है दोनों विधायकों की प्रोफाइल

मोहन मरकाम
कोंडागांव के टेंडमुंडा गांव में 15 सितम्बर 1967 को जन्म हुआ। भूगोल से एमए किया। इस दौरान एनसीसी से गणतंत्र दिवस परेड में भाग लिया। छात्रसंघ अध्यक्ष रहे। विभिन्न सामाजिक संगठनों में काम किया। शिक्षाकर्मी आैर एलआर्इसी में विकास अधिकारी की नौकरी की। राजनीति में आए। 2013 में पहली बार विधायक चुने गए।

मनोज मंडावी
14 नवम्बर 1964 को कांकेर जिले के नाथिया नवागांव में जन्म हुआ। एमए, एलएलबी किया। तीन बार शासकीय महाविद्यालय कांकेर में छात्रसंघ के अध्यक्ष रहे। 1998 में पहली बार विधायक चुने गए। 2000 में छत्तीसगढ़ की पहली सरकार में राज्यमंत्री रहे। 2013 और 2018 में फिर से विधायक चुने गए। आदिवासी कांग्रेस के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे।

बस्तर से नहीं हुआ है कोई अध्यक्ष

बस्तर के किसी आदिवासी नेता को कभी छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस समिति का अध्यक्ष (chhattisgarh state president) नहीं बनाया गया है। राज्य के मौजूदा मंत्रिमंडल में भी बस्तर का केवल एक विधायक शामिल है। मंत्रियों के शपथ ग्रहण के दौरान बस्तर के कार्यकर्ताआें ने विरोध प्रदर्शन भी किया था। दोनों नेताओं ने समझाया कि उनको अध्यक्ष बनाने से आदिवासी क्षेत्रों में कांग्रेस का आधार अधिक मजबूत होगा।