विजय की मां अपने दूसरे बेटे-बहू के साथ भनपुरी में हैं। उनको अभी इस दुर्घटना की सूचना नहीं दी गई है। वे अभी हाल ही में अस्पताल से डिस्चार्ज होकर घर पहुंची हैं, उन्हें हार्ट अटैक आया था। वहीं विजय के बेटे-बेटी हॉस्टल में रहते हैं, उन्हें भी खबर नहीं दी गई है।
विजय की पत्नी अंजू का एक भाई रायपुर में और एक अमरीका में रहता है। सभी लगातार दिल्ली स्थित शिप मैनेजमेंट कंपनी दफ्तर से संपर्क कर रहे हैं। वहीं मुंबई में मर्चेंट नेवी कॉलोनी का स्टाफ कंपनी के मुख्यालय में डटा हुआ है, ताकि दबाव बना रहे। जहाज फिलहाल बोन्नी ऑफशोर टर्मिनल पर ही है।
परिजनों को जानकारी उपलब्ध करवाने के लिए कंपनी ने एक हेल्पलाइन नंबर उपलब्ध कराया है। पत्रिका ने भी इस पर संपर्क किया। लेकिन सुरक्षा कारणों का हवाला देकर जानकारी साझा करने से इन्कार कर दिया गया। कंपनी की ओर से कहा गया कि सभी सूचनाएं परिजनों को ही दी जा रही हैं।
एक बार पहले भी पास से गुजरा था लुटेरों का जहाज
अंजू तिवारी के भाई एसपी उपाध्याय ने बताया, एक दिसंबर को मेरी अंजू से बात हुई थी। तब उसने बताया था कि चार दिन पहले नाइजीरियन लुटेरों का जहाज हमारे जहाज के पास से गुजरा था। तब जहाज खाली था, शायद इसी वजह से वे चले गए।
परिजन की गुहार रायपुर के पवन तिवारी ने बताया, मेरे बड़े भाई (विजय तिवारी) शुरुआत से मर्चेंट नेवी में हैं। प्राइवेट जॉब है इसलिए कंपनी बदलते रहते हैं। कुछ दिनों पहले ही उन्होंने एंग्लो ईस्टर्न शिप मैंनेजमेंट कंपनी जॉइन की। भैया-भाभी ढ़ाई महीने पहले चार महीने के कांट्रेक्ट पर जहाज से रवाना हुए थे।
तीन दिसंबर की रात मेरी पत्नी ने भाभी (अंजू) से बात की थी। पांच मिनट बात हुई और फिर फोन स्वीच ऑफ हो गया। इसके बाद कोई संपर्क नहीं हुआ। चार दिसंबर को शिप कंपनी के विनीत गुप्ता का फोन आया, उन्होंने भैया-भाभी समेत 18 भारतीय के बंधक बनाए जाने की सूचना दी। उन्होंने कहा कंपनी हांगकांग और साउथ अफ्रिका सरकार से बात कर रही है।
सरकार को आधिकारिक सूचना का इंतजार
प्रदेश के दो नागरिकों के विदेश से अपहरण हो जाने की जानकारी मिल जाने के बाद भी राज्य सरकार के अधिकारियों को घटना की आधिकारिक सूचना का इंतजार है। गृह विभाग के प्रमुख सचिव सुब्रत साहू ने कहा, उनके पास अभी कंपनी अथवा केंद्र सरकार की ओर से कोई आधिकारिक सूचना नहीं है। सूचना मिलने के बाद हर संभव मदद मुहैया कराई जाएगी।