
रायपुर. NIRF Ranking 2020 updates: केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने गुरुवार को भारतीय शैक्षणिक संस्थानों की एनआईआरएफ रैंकिंग 2020 जारी कर दी। ओवरऑल कैटेगरी में आईआईटी मद्रास पहले स्थान पर है। जबकि विश्वविद्यालयों की कैटेगरी में आईआईएससी बेंगलूरु टॉप पर है।
इधर, छत्तीसगढ़ के प्रीमियम इंस्टीट्यूट ने अच्छा परफॉर्म किया है। एनआईटी ने इंजीनियरिंग कैटेगरी में 67वां स्थान प्राप्त किया है जो कि पिछले साल 74 था। मैनेजमेंट कैटेगरी में आईआईएम ने अपनी स्थिति यथावत रखी है यानी पिछले साल और इस बार 19वां स्थान रहा। राज्य के पहले और सबसे बड़े विवि पीआरएसयू ने अपनी स्थिति में सुधार किया है। इस बार 100-150 के दायरे में आ गया है।
एनआईटी इसलिए बढ़ा
एनआईटी के डायरेक्टर एएम रावाणी ने कहा, हमारे यहां रिसर्च, प्लेसमेंट, लैब फेसिलिटी और पीएचडी ऑफ नम्बर के अलावा इनोवेशन में बेहतर प्रयास किए जा रहे हैं। देशभर में 67वीं रैंक सुखद संकेत हैं। आने वाले दिनों में हम इससे भी अच्छी स्थित में रहेंगे।
ये दो संस्थान शामिल नहीं
ट्रिपल आईआईटी नया रायपुर के रजिस्ट्रार हरीश कुमार ने बताया, अभी हमारा एक ही बेच निकला है। इस रैंकिंग में अप्लाई के लिए कम से कम 2 बैच पासआउट होने चाहिए। इसी तरह आईआईटी भिलाई से भी एक बैच ही निकला है।
फार्मेसी टॉप-100 में भिलाई का कॉलेज
श्रेष्ठ कॉलेजों की सूची में इस साल भिलाई-दुर्ग के तीन कॉलेज जगह बनाने में कामयाबी हुए। भिलाई इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (बीआईटी) और शंकराचार्य ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस इंजीनियरिंग शिक्षा के लिए देश के तीन सौ श्रेष्ठ संस्थानों की सूची में शामिल हो गए हैं। इन्हें 251-300 के बैंड में रखा गया है। इनके अलावा फार्मेसी के लिए बनी टॉप-100 कॉलेजों की सूची में भिलाई का एकमात्र रुंगटा कॉलेज ऑफ फार्मास्यूटिकल साइंस शामिल हो पाया है।
रविवि आया 150 रैंक के बीच
एनआईआरएफ की विश्वविद्यालय सूची में रायपुर की पंडित रविशंकर शुक्ल यूनिवर्सिटी 101-150 के बैंड में रखा गया है। बीते साल भी रविवि की यही स्थिति थी। एनआईआरएफ सूची की कैटेगरी में सामान्य कॉलेजों को भी शामिल किया जाता है, लेकिन प्रदेश की एक भी संस्था इसमें जगह नहीं बना पाई। तकनीकी और मैनेजमेंट को छोड़कर प्रदेश का कोई भी कॉलेज लॉ, मेडिकल, डेंटव या अन्य कैटेगरी से बाहर हो गए। रविवि के कुलपति केएल वर्मा कहते हैं, हमने दो कैटिगरी में अप्लाई किया था। फार्मेसी में हम पहले की अपेक्षा पिछड़े हैं जबकि यूनिवर्सिटी लेवल पर पूरे राज्य में 100 से 150 रैंक में आए हैं। इसके पीछे कोई एक वजह नहीं बल्कि प्रोफेसर्स का डेडिकेशन, इंटरनेशनल सेमिनार और अच्छा प्लेसमेंट है। उम्मीद है स्थिति आगे सुधरेगी।
ये है एनआईआरएफ रैंक
एमएचआरडी ने 2015 में एनआईआरएफ रैंकिंग को शुरू किया। इसके तहत अलग-अलग केटेगरी में उच्च शिक्षण संस्थानों को रैंकिंग दी जाती है। रैंक के लिए कड़े पैमाने भी होते हैं, जिसमें इन कॉलेजों को खरा उतरना होता है। इस साल एनआईआरएफ के लिए 3800 इंस्टीट्यूट्स ने अलग-अलग कैटेगिरी में आवेदन किया था, जो कि पिछले साल से 20 फीसदी ज्यादा है। खास बात है कि इस साल डेंटल इंस्टीट्यूट्स को भी रैंकिंग में रखा गया है। हमेशा से रैंकिंग सूची अप्रेल में जारी होती थी, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से इसे जून में घोषित किया गया।
Published on:
11 Jun 2020 10:21 pm
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