
Raipur News : छत्तीसगढ़ में वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारियों की हड़ताल लगातार 14वें दिन भी जारी रही।
इन कर्मचारियों की मुख्य मांग है कि उनकी नौकरियों को नियमित किया जाए और उन्हें स्थायी नौकरी का लाभ मिल सके।
वेतन भोगी कर्मचारियों ने साफ कहा है कि वे केवल आश्वासनों पर हड़ताल समाप्त नहीं करेंगे, बल्कि जब तक उन्हें उनकी मांगों को पूरा करने का लिखित आदेश नहीं मिलेगा, तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा।
दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष रामकुमार सिन्हा के अनुसार, इन कर्मचारियों की प्रमुख मांगों में उनकी नौकरियों को स्थायी करना और उन्हें सरकारी कर्मचारियों के समान सुविधाएं प्रदान करना शामिल है।
इसके अलावा, वे चाहते हैं कि कार्यभारित आकस्मिकता सेवा नियम को लागू किया जाए, जो कि 2004 से वन विभाग में लागू किया जाना था। उनका कहना है कि इस नियम के लागू होने से उनकी नौकरी सुरक्षित हो सकेगी और वे भविष्य की चिंताओं से मुक्त हो सकेंगे।
कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष ने बताया कि वन मंत्री ने उनकी मांगों में से एक को पूरा करने का आश्वासन दिया है, जिसमें श्रमायुक्त दर पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए कार्यभारित आकस्मिकता निधि सेवा नियम को लागू करने की बात कही गई है। लेकिन कर्मचारियों का कहना है कि वे केवल आश्वासन पर भरोसा नहीं कर सकते। जब तक सरकार से इस बारे में लिखित आदेश नहीं मिलता, तब तक वे हड़ताल पर बने रहेंगे।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ के वन विभाग के दैनिक वेतन भोगी कर्मचारी अपनी मांगों को लेकर पूरी तरह से संगठित और संघर्षशील हैं। वे किसी भी हाल में बिना लिखित आदेश के अपनी हड़ताल समाप्त करने के लिए तैयार नहीं हैं, और सरकार के समक्ष अपनी बात रखने के लिए मजबूती से खड़े हैं।
Published on:
25 Aug 2024 09:56 am
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