
पुलिस मुख्यालय रायपुर (Photo Patrika)
Police Commissioner System: राज्य सरकार के निर्देश पर पुलिस कमिश्नर प्रणाली को 1 नवंबर से लागू करने के लिए 7 आईपीएस मध्यप्रदेश और महाराष्ट्र जाकर पूरे सिस्टम की जानकारी लेंगे। इसके लिए डीजीपी अरूणदेव गौतम ने आदेश जारी कर एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में सात आईपीएस अधिकारियों की एक समिति गठित की है। वह कमिश्नर प्रणाली लागू करने के लिए ड्राफ्ट तैयार करेंगे। इसके आधार पर फाइनल रिपोर्ट तैयार कर गृह विभाग को सौंपा जाएगा। यह सिस्टम दिल्ली, मुंबई, भोपाल और इंदौर की तर्ज पर लागू होगा।
नए सिस्टम की पुलिसिंग में कलेक्टर और एसपी के अधिकार सीमित हो जाएंगे। कलेक्टर मुख्य रूप से राजस्व संबंधी कार्यों तक सीमित रहेंगे। लॉ एंड ऑर्डर की जिम्मेदारी पूरी तरह पुलिस आयुक्त के पास होगी। साथ ही प्रस्तावित पुलिसिंग में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए अलग से एसपी ग्रामीण को नियुक्ति किया जा सकता है। समिति यह तय करेगी कि पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली को छत्तीसगढ़ पुलिस एक्ट 2007 के तहत लागू किया जाए या इसके लिए नया अधिनियम बनाया जाए।
एडीजी प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में गठित समिति में आईजी (नारकोटिक्स) अजय यादव, आईजी (रायपुर रेंज) अमरेश मिश्रा, आईजी (अअवि) ध्रुव गुप्ता, एआईजी (दूरसंचार) अभिषेक मीणा, ए्आईजी (सीसीटीएनएस) संतोष सिंह, और एसपी (विअशा) प्रभात कुमार शामिल हैं। साथ ही वैधानिक पहलुओं के लिए लोक अभियोजन संचालनालय की संयुक्त संचालक मुकुला शर्मा को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में शामिल किया गया है।
पुलिस कमिश्नरेट प्रणाली बड़े शहरों में कानून-व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए लागू की जाती है। इसके तहत शहर की सुरक्षा और प्रशासन की जिम्मेदारी एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी (आमतौर पर डीजी, एडीजी या आईजी) रैंक को सौंपी जाती है। इसे कमिश्नर प्रणाली कहा जाता है। इसके तहत कमीशन को सुरक्षा और कानून व्यवस्था का संचालन करने विशे। अधिकारी मिलता है। वह अपने रेंज की व्यवस्था की रिपोर्ट सीधे डीजीपी को देते है।
यदि सरकार नया अधिनियम लाने का फैसला करती है, तो इसके लिए विधानसभा से कानून पारित कराने या राज्यपाल से अध्यादेश जारी कराने के विकल्प पर विचार किया जाएगा। समिति अन्य राज्यों जैसे मध्य प्रदेश, दिल्ली, और मुंबई के कमिश्नरेट मॉडल का अध्ययन कर छत्तीसगढ़ के लिए ड्राफ्ट तैयार करेगी।
पुराने पुलिस मुख्यालय के तीन मंजिला भवन में नवनियुक्त कमिश्नर का दफ्तर होगा। राज्य पुलिस के अधिकारी इसकी कवायद में जुटे हुए है। इस भवन में केवल स्टेट इंटेलिजेंस का दफ्तर है। शहर के बीच होने और सुरक्षित कैंपस को देखते हुए इसे उपयुक्त माना जा रहा है। पखवाड़ेभर पहले डीजीपी द्वारा भवन के संबंध में विभागीय अधिकारियों से सुझाव मांगा था।
इस दौरान पुराने पीएचक्यू भवन की सिफारिश की गई थी। साथ ही बताया था कि यहां से कुछ दफ्तर नया रायपुर भी शिफ्ट होने वाले है। यहां वाहनों की पार्किग के लिए भी पर्याप्त जगह है। इसे देखते हुए भवन का उपयोग कमिश्नर कार्यालय के रूप में करने सलाह दी गई थी। पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि रायपुर शहर में कमिश्नर प्रणाली लागू करने पर शहर के बीच इस भवन का बेहत्तर उपयोग किया जा सकता है।
Updated on:
10 Sept 2025 06:18 pm
Published on:
10 Sept 2025 06:12 pm
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