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रायपुर

प्री-वेडिंग शूट एक कुरीति, हो रही शर्मसार हरकतें, लगातार टूट रहे रिश्ते

Chhattisgarh news: हमारे समाज में प्री वेडिंग फोटोशूट की घातक बीमारी लगी हुई हैं। पिछले एक-दो सालों से ही हैं किंतु ये समाज में बहुत तेजी से फैल रही हैं। जिसका अब विरोध होने लगा हैं।

रायपुरMay 12, 2023 / 02:27 pm

चंदू निर्मलकर

Prewedding photoshoot

Prewedding photoshoot

Raipur news शादी के पहले प्री-वेडिंग शूट करना आम बात हैं लेकिन इसके वजह से रिश्ते भी टूटने लगे हैं। प्री-वेडिंग शूट के चलन को समाजसेवी स्वीकार नहीं कर रहे हैं। इनका कहना है कि ये हिंदू संस्कृति के अनुरूप नहीं है। यह कुरीति बनकर सामने आ रही है। इवेंट मैनेजमेंट वाले शादियों में कुछ नया करने के चक्कर में गलत चीजें लातेेे हैं। फोटो सार्वजनिक होने से निजता भी खत्म हो रही है। दरअसल, कुछ दिन पहले महिला आयोग में एक युवती ने प्री वेडिंग शूट के बाद शादी टूटने की शिकायत की थी, जिसमें दोनों पक्ष ने आपस में बैठकर फोटो-वीडियो डिलीट कर आपसी समझौता से मामले का निराकरण किया था। इसके बाद यह मामले ने जोर पकड़ लिया है। आप भी जानिए समाज प्रमुखों की इस पर क्या राय है…

समाजसेवी महिलाओं की राय

विवाह विलासिता के लिए नहीं

मैं उत्कल विप्र समाज से आती हूं, जहां रिग सेरेमनी की भी प्रथा नही है। विवाह में दो परिवार के मिलन के साथ दो आत्माओं का मिलन है जो सृष्टि की रचना करती है। हमारे ऋषि मुनि विवाह को मात्र सृष्टि की रचना के लिए एक जरिया माना, न कि विलासिता के लिए।

निवेदिता मिश्रा, अधिवक्ता व अध्यक्ष उत्कल विप्र महिला समाज


प्री वेडिंग शूट गलत है। शादी से पहले युवती को स्टेज पर उठाना, दुल्हन का नाचते हुए आना यह सब समाज के लिए अशोभनीय है। प्री वेडिंग शूट के लिए शर्मसार हरकतें होती रहती हैं। इस पर सभी समाज को रोक लगाना चाहिए।

बरखा सूरज गुप्ता, राष्ट्रीय महासभा वैवाहिक अध्यक्ष व छत्तीसगढ़ संयोजिका


यह हमारी संस्कृति नहीं

प्री वेडिंग शूट को लोग स्टेटस सिंबल मानने लगे हैं। यह हमारी संस्कृति नहीं है। इस चलन से खर्च का अतिरिक्त बोझ आता है। आज के दौर में प्री वेडिंग शूट होने के बाद रिश्ते टूट जाते हैं। इससे युवती की भावनाएं आहत होती है।

नीतू अमित सिंह, राष्ट्रीय अध्यक्ष, अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा वीरांगना


चंद मुलाकात में युवक- युवती के परिवार एक दूसरे से भलीभांति परिचित नहीं होते हैं। न ही मानसिक रूप से जुड़ पाते हैं। प्री वेडिंग शूट फूहड़ता है। इसकी मान्यता देना अपने पैर में कुल्हाड़ी मारने जैसा है। इस पर रोक लगना चाहिए।

अनिता दुबे, सर्वमंगल फाउंडेशन

पश्चात्य संस्कृति से हमारी संस्कृति पुस्तकों और कहानियों में गुम होती जा रही है। शादी में रस्म, रीति-रिवाजों की शूटिंग करनी चाहिए, जिससे आने वाले युवाओं को सभ्यता के बारे में जानकारी मिले। विवाह के बाद वीडियो फोटोग्राफी हो।

अनिता साहू, योग प्रशिक्षिका, साहू भवन कर्माधाम

प्री वेडिंग शूट से रिश्ता टूटने की संभावना बनी रहती है। शादी से पहले ही सार्वजनिक कर देने से शादी की मर्यादा का हनन होता है। शादी से पहले अपने निजी फोटो को समाज के सामने प्रदर्शित करना गलत है। ऐसे आयोजन पर प्रतिबंध लगना चाहिए।

ललिता यादव, प्रदेश अध्यक्ष, यादव (ठेठवार) समाज

शादी के पहले वेडिंग शूट करने के बाद बहुत लोगों के बीच समस्याएं आई है। इसलिए इसमें लड़कियों को सावधानी से रहना जरूरी है। शादी के पहले वेडिंग सिस्टम नहीं होना चाहिए।

सीडी खोबरागड़े, राष्ट्रीय सदस्य, भारतीय बौद्ध महासभा संस्कार विभाग

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