
बारनवापारा अभयारण्य
रायपुर. बारनवापारा अभयारण्य के वनपरिक्षेत्र को सोनाखान तक बढ़ाने की तैयारी चल रही है। वन विभाग के अधिकारी इसकी तैयारी में जुटे हुए है। जमीन चिन्हाकित करने के बाद जल्दी ही इसका प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। इसकी स्वीकृति मिलते ही अभयारण्य की सीमा को बढ़ाया जाएगा। बता दें कि बलौदाबाजार जिला स्थित वन्यजीव अभयारण्य 245 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। इसे 1972 में वन्यजीव अधिनियम के तहत अभयारण्य घोषित किया गया था। यहां 265 से 400 मीटर तक का समतल और पहाड़ी क्षेत्र फैला हुआ है। जंगलों के लगातार हो रहे विस्तार को देखते हुए पिछले काफी समय से इसकी कवायद भी चल रही है। वन विभाग के अधिकारिक सूत्रों ने बताया कि कर्नाटक के कुमकी हाथी, दिल्ली से काला हिरण और अब असम से वन भैंसा को लाने की तैयारी चल रही है। केंद्र सरकार और राज्य सरकार से इसकी अनुमति भी मिल चुकी है। इसकी लगातार बढ़ रही वन्य जीवों की अधिकता को देखते हुए इसका क्षेत्रफल बढ़ाया जाएगा।
इसलिए पड़ी जरूरत
जंगल में वन्य जीवों के लिए हराचारा और उचित रहवास मिलने के कारण शाकाहारी प्राणियों की संख्या में लगातार इजाफा होता जा रहा है। हिरण, सांभर, हाइना, साही, चिंकारा और ब्लैक बाक्श के साथ ही बाघ, तेंदुआ और अक्सर हाथियों का विचरण भी हो रहा है। वहीं बगुला, बुलबुल, इरगेट्स और तोता आदि की कई प्रजातियां देखने को मिलती है। इसके कारण वन्य प्राणी अक्सर रिहायशी ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही मुख्य सड़क मार्ग की ओर रुख कर रहे हैं। वन्य प्राणियों की संख्या को देखते हुए तस्करी करने वालों का गिरोह की आमदरफ्त भी देखने को मिल रही है। पिछले दिनों ही तीन हिरण का शिकार करने की घटना सामने आई थी।
फलदार पौधरोपण से लाभ
वन विभाग द्वारा पिछले कुछ समय से लगातार फलदार वृक्षों का रोपण करने से छोटे पशु पक्षी में यहां आने लगे है। महुआ, बेर और तेंदु के साथ ही अन्य फल भी बहुतायत मात्रा में मिलते है। स्लॉथ बीयर, उडऩे वाली गिलहरी, सियार, चार सींग वाला हिरण, तेंदुए, चिंकारा, ब्लैक बक, जंगली बिल्ली, बार्किंग डीयर, साही, बंदर, बायसन, धारीदार हाइना, जंगली कुत्ते, चीतल, के प्रमुख वन्यजीव सांभर, नील गाय, गौर, जंगली सूअर, कोबरा, अजगर. अभयारण्य भी प्रमुख तोते, बुलबुल, साथ ही अन्य जीव भी बड़ी संख्या में देखे जाते है। अतुल शुक्ला पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ ने बताया कि बारनवापारा अभयारण्य का विस्तार करने की योजना पर विचार चल रहा है। इस पर सहमति बनने के बाद राज्य सरकार को स्वीकृति के लिए भेजा जाएगा। बनाई गई है। इसके लिए सुरक्षित वन्य क्षेत्रों को चिन्हाकित किया जा रहा है। सारी तैयारी पूरी होने के बाद राज्य सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा जाएगा।
Published on:
19 Jan 2020 01:27 am
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