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नक्सलियों के ठिकानों का मैप बनाने प्लॉटर मशीन की खरीदी, ड्रोन और अन्य माध्यमों से स्कैन कर तैयार किया जाएगा मैप

नक्सल ठिकानों के अन्दरूनी रास्तों को खोजने के लिए राज्य पुलिस प्लॉटर मशीन की खरीदी करेगी। प्रिंट किए गए मैप में वृक्ष, पगडंडिया, पहाड़ और नदी- नालेें भी आसानी से दिखाई देंगे। इसके आधार पर फोर्स का मूवमेंट कराया जाएगा।

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रायपुर। नक्सलियों के ठिकानों और दूरस्थ जंगल के अंदरूनी रास्तों का नक्शा बनाने के लिए राज्य पुलिस 3 प्लॉटर मशीन की खरीदी करेगी। इसके जरिए नक्सलियों के मूवमेंट वाले इलाकों का मैप बनाए जाएगा। साथ ही फोर्स का उन इलाकों तक मूवमेंट कराया जाएगा। ड्रोन अथवा अन्य माध्यमों से जानकारी जुटाने के बाद उसके फुटेज के साथ ही इमेज और स्केच का प्लॉटर मशीन के माध्यम से स्कैन किया जाएगा। उसे प्लॉटर मशीन के जरिए नक्शा तैयार किया जाएगा। इसकी खरीदी करने के लिए और राज्य पुलिस ने निविदा जारी की गई है। खरीदी करने के बाद पुलिस मुख्यालय में इस मशीन को फिट किया जाएगा और इसके माध्यम से फ्लेक्स और बड़े आकार का नक्शा बनाया जाएगा। ऑपरेशन के पहले फोर्स को इसे सौंपा जाएगा। ताकि आधार पर जंगल के अंदरूनी रास्तों और पगडंडियों से होते हुए जवान सुरक्षित रूप से संबंधित स्थान पर पहुंच सकें।

इस तरह की मशीन-ड्रोन द्वारा खींचे गए फोटो, हाथ से तैयार किए गए स्केच द्वारा बनाए गए मैप और कैमरे से खींची गई फोटो को प्लॉटर मशीन में डाला जाएगा। उसे मशीन कागज, प्लास्टिक के फ्लैक्स, पुट्ठा और ग्लेज पेपर पर स्कैन करने के बाद 3 फिट चौड़ी और बेहिसाब लंबाई की मैप प्रिंट करेगी। मशीन से अंदरूनी इलाकों और दुर्गम क्षेत्रों के रास्ते भी बड़े आकार में दिखाई देंगे।

निविदा जारी
राज्य पुलिस मुख्यालय ने खरीदी करने के लिए जारी की निविदा को जमा करने की अंतिम तिथि 19 सितंबर रखी है। इसी दिन निविदा प्रपत्र को खोल कर आवेदन जमा करने वाली कंपनी को वर्कआर्डर जारी किया जाएगा। नियमानुसार वह पहले मशीन का सैंपल राज्य पुलिस को देगी। इसका परीक्षण करने के बाद सभी मानकों पर खरा उतरने के बाद उसे आपूर्ति की जिम्मेदारी दी जाएगी। 84 दिन के भीतर कंपनी को मशीन देने के साथ ही उसका इंस्टॉलेशन भी करना पड़ेगा। वही 3 वर्ष तक इसके मेंटेनेंस की जिम्मेदारी भी वहन करनी पड़ेगी।