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छत्तीसगढ़ में केवल दो मंत्रियों के बंगलों में आसमान से बरस रही दौलत को सहेजने का इंतजाम

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर विशेष जोर दे रहे हैं। वे हर घर में लगाने की नसीहत दे भी रहे हैं, लेकिन आसमान से बरस रही इस दौलत को सहेजने के लिए कोई गंभीर नहीं है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि केवल दो मंत्रियों के बंगलों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है। इस तरह करीब एक साल का पानी हमने नालों में बहा दिया है।

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rain water harvesting

रायपुर. बढ़ते वैश्विक तापमान और सामने खड़े जल संकट से निपटने के लिए बरसाती पानी का संरक्षण सबसे आसान और टिकाउ उपाय है। हर साल राÓय और केंद्र सरकारें लोगों को यह बताने में करोड़ों रुपए फूंक रही हैं। शहरों में मकानों के लिए रेन वॉटर हार्वेस्टिंग उपाय अनिवार्य किए जाने की कवायद चल रही है। लेकिन इनके बीच सरकारें कितनी गंभीर हैं, इसका अंदाजा सरकारी इमारतों में इसके प्रयोग को लेकर देखा जा सकता है। पत्रिका ने शनिवार को राÓय मंत्रिमंडल के सदस्यों के सरकारी बंगलों में इसकी पड़ताल की। सामने आया है, सिविल लाइंस और शंकर नगर के पॉश इलाके में कई एकड़ में फैले इन बंगलों में से दो-तीन को छोड़कर किसी परिसर में बरसात के पानी को सहेजने को इंतजाम नहीं है।

कवासी लखमा, आबकारी मंत्री, बंगला नंबर सी-5
शंकरनगर स्थित इस मंत्री बंगले में आज तक रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाया गया है। यहां के सुशील ओझा का कहना है कि पीडब्ल्यूडी को इसके लिए कहा गया है।
मोहम्मद अकबर, आवास एवं पर्यावरण मंत्री, बंगला नंबर बी-5/10
मंत्री मोहम्मद अकबर के बंगले में आज तक जल संरक्षण के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगा है। विशेष सहायक सुधीर सिसोदिया का कहना है कि बंगले की नालियों को जोड़कर बाहर वाटर हार्वेस्टिंग बनाया गया है।
कृषि मंत्री रविंद्र चौबे, बंगला नंबर सी-4
शंकरनगर स्थिति इस बंगले के केयरटेकर धर्म ध्रुव ने बताया कि वहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। जो मंत्री किसानों को पानी उपलब्ध कराने की चुनौती से जूझ रहे हैं, उन्हीं के बंगले में जल संचय का कोई साधन न होना चौंकाने वाला है।
ताम्रध्वज साहू, पीडब्ल्यूडी मंत्री, बंगला नंबर सी-3
शासकीय भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाने की जिम्मेदारी जिस विभाग की होती है, उस विभाग के मंत्री के बंगेल में भी वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है। केयर टेकर रोमस साहू ने बताया की बंगले ऐसा कोई सिस्टम नहीं बना है।
डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, स्कूल शिक्षा मंत्री, बंगला नंबर डी-8
शंकरनगर स्थित इस बंगले में पीडब्ल्यूडी ने रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नाम पर सिर्फ पाइप ही लगाकर छोड़ दिया है। निज सचिव महेंद्र शुक्ला ने कहा उन्होंने इसके लिए पीडब्ल्यूडी अधिकारियों को बोला भी है।
टीएस सिंहदेव, स्वास्थ्य मंत्री, बंगला नंबर डी-8
सिविल लाइन स्थित इस बंगले में भी आज तक रेन वाटर हार्वेस्ंिटग नहीं बनाया गया। केयर टेकर खिलेश्वर ध्रुव ने बताया कि बंगले में कहीं इस ऐसा सिस्टम नहीं है।
शिव डहरिया, नगरीय निकाय मंत्री, बंगला नंबर सी-2
शंकरनगर स्थित इस बंगले में रेन वाटर हार्वेस्टिंग लगा है। इसे मंत्री के कार्यकाल के समय में ही बनाया गया है। इसमें एक विशेष प्रकार का फिल्टर भी लगाया है।
जय सिंह अग्रवाल, राजस्व मंत्री, बंगला नंबर बी-5/9
शंकरनगर स्थित इस बंगले में पूर्वर्ती भाजपा सरकार के समय मुख्य सचिव विवेक ढांढ रहते थे। उन्होंने ही यहां रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनवाया था। उसके बाद से इसे लेकर कोई काम नहीं किया गया। मंत्री बंगले के कई लोग तो इसके बारे में जानते भी नहीं।
चरणदास महंत, विधानसभा अध्यक्ष, स्पीकर हाउस
शंकरनगर स्थित बंगले में पूर्व विधानसभा के समय से ही रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगा है। यह ठीक तरीके से काम भी कर रहा है।