दीपावली पर लक्ष्मीजी के स्वागत के लिए बनाते हैं रंग-बिरंगी रंगोली
दीपावली के अवसर पर शहर के हर घर और आंगन में रंगोली और दीये सज रहे हैं। खासकर दिवाली पर लक्ष्मीजी के स्वागत के लिए रंगोली बनाने की परम्परा हर जगह रही है।
दीपावली के अवसर पर शहर के हर घर और आंगन में रंगोली और दीये सज रहे हैं। फेस्टिवल में रंगोली का खास महत्व होता है। खासकर दिवाली पर लक्ष्मीजी के स्वागत के लिए रंगोली बनाने की परम्परा हर जगह रही है।
देश के लगभग हर राज्य में रंगोली सजाने के अलग-अलग तरीके व परम्पराएं हैं। यह रंगोलियां खासकर घर के द्वार व आंगन में सजाई जाती हैं। समय के साथ रंगोली बनाने के तरीको में भी बदलाव आया है। पहले चावल आटा, चॉक, हल्दी व कुमकुम से रंगोली बनाई जाती थी, लेकिन आज मार्केट में स्पेशल रंगोली पावडर और रेडिमेड डिजाइन भी मिल रहे हैं।
शुभ के लिए बनाते हैं रंगोली
घर के बाहर चौखट पर या आंगन में रंगोली बनाना शुभ का प्रतीक माना जाता है। कुछ राज्यों में हर रोज घर के बाहर चौखट पर सुबह-सुबह रंगोली बनाते हैं। साथ ही कलर को खुशियों का प्रतीक माना जाता है।
दिवाली में थ्रीडी रंगोली खास
आजकल थ्रीडी रंगोली का चलन बढ़ा है। दीपावली में दीये पर थ्रीडी रंगोली बनाने का क्रेज है। थ्रीडी रंगोली में इफेक्ट दिखाया जाता है। इसमें अधिकतर दीप, लक्ष्मीजी, गणेश, फ्लॉवर और सिनरी बनाई जाती है।
रियालिस्टिक रंगोली में पोट्रेट
इन दिनों रियालिस्टिक रंगोली का ट्रेंड बढ़ा है। इस रंगोली में पोट्रेट बनाई जाती है। इसमें कलर कॉम्बिनेशन बहुत खास होता है। यह रंगोली वास्तविक जान पड़ती है।
कई डिजाइन की रंगोली
फेस्टिवल में स्वास्तिक, ओम, शुभ-लाभ, लक्ष्मी व गणेशजी की मूर्ति, सर्कल, संस्कार, चऊक, सिनरी, दीप आदि डिजाइन की रंगोली ज्यादा बनती है।