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लोरमी के पूर्व MLA धर्मजीत सिंह ने छोड़ी कांग्रेस, जोगी में जताई आस्था

छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता धर्मजीत सिंह ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। तीन बार विधायक रहे धर्मजीत ने पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के प्रति आस्था जताई है।

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Ashish Gupta

Jun 20, 2016

dharamjeet singh

dharamjeet singh

रायपुर.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के तेज-तर्रार नेता धर्मजीत सिंह ने सोमवार को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। तीन बार विधायक रहे धर्मजीत ने कांग्रेस से विद्रोह कर नई पार्टी बनाने वाले पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के प्रति आस्था जताई है। पिछले विधानसभा चुनाव में वे मुंगेली जिले की लोरमी विधानसभा सीट से भाजपा के तोखनराम साहू से करीब पांच हजार वोट से पराजित हो गए थे।


बघेल ने बनाई जेबी संस्था

उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल पर पार्टी को जेबी संस्था बनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि बघेल की इस कार्यप्रणाली से दो साल से मैं अपने आपको उपेक्षित महसूस कर रहा था, उससे त्रस्त होकर मैंने आज अपना इस्तीफा दे दिया। उनका कहना था कि कांग्रेस से इस्तीफा देने की शुरूआत हो चुकी है, जल्द ही प्रदेश में कांग्रेस का नाम लेने वाला कोई नहीं बचेगा।


कांग्रेस बची ही नहीं

उनसे जब पूछा गया कि वे अब किस पार्टी में शामिल होंगे, इस पर उनका कहना था कि मेरी जोगी में आस्था है उनसे जब पूछा गया कि अब उनकी लड़ाई किस पार्टी से है, इस पर उनका कहना था कि प्रदेश में जोगी के नेतृत्व में बनने वाली पार्टी ही नया विकल्प है, कांग्रेस तो अब प्रदेश में बची ही नहीं हैं, उनकी लड़ाई भाजपा से होगी, उनका दावा है कि हमारी पार्टी की प्रदेश में अगली सरकार बनेगी। भाजपा की प्रदेश सरकार के कार्यकाल में जनता को मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं, प्रदेश का विकास ठप्प हो गया है, रमन सिंह की सरकार के अधिकतर मंत्री केवल भ्रष्टाचार में डूबे हुए हैं। सत्ता के नशे में चूर होकर मंत्री और भाजपा नेता अफसरों के प्रति अशोभनीय टिप्पणी कर रहे हैं।


तीन बार लोरमी से रहे कांग्रेस विधायक

उनसे राजनीतिक सफर के बारे में पूछा गया कि उनका कहना था कि मेरे पिताजी और दादा जी की भी आस्था कांग्रेस में थी, उनकी प्रेरणा से ही मैं 18 साल की उम्र से ही कांग्रेस में काम करने लगा था। वर्ष 1977 में मोरारजी देसाई की सरकार के कार्यकाल में इंदिरा गांधी के समर्थन में वे जेल भी गए थे। वे मार्केटिंग सोसायटी, कृषि उपज मंडी समिति के अध्यक्ष और नगर पालिका में उपाध्यक्ष के पद पर रहे। सबसे पहला विधानसभा चुनाव वर्ष 1990 में कांग्रेस से लड़ा था, जिसमें जनता का पूरा साथ नहीं मिला, जिसकी वजह से मुझे हार मिली थी। इसके बाद कांग्रेस में विभिन्न पदों पर रहकर जनता की लड़ाई लड़ी। वर्ष 1998 से लेकर 2008 तक तीन बार कांग्रेस से लोरमी विधानसभा का विधायक के नाते प्रतिनिधित्व किया।

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