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150 करोड़ की 70 एकड़ सरकारी जमीन भू-माफियाओं के नाम पर, दो साल बाद भी दुरुस्त नहीं

Raipur News : . राजधानी से महज 25 किमी दूर मंदिरहसौद में 150 करोड़ की 70 एकड़ शासकीय चरागाह भूमि को हड़पने के मामले का खुलासा दो साल पहले हुआ था।

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150 करोड़ की 70 एकड़ सरकारी जमीन भू-माफियाओं के नाम पर, दो साल बाद भी दुरुस्त नहीं

150 करोड़ की 70 एकड़ सरकारी जमीन भू-माफियाओं के नाम पर, दो साल बाद भी दुरुस्त नहीं

रायपुर. राजधानी से महज 25 किमी दूर मंदिरहसौद में 150 करोड़ की 70 एकड़ शासकीय चरागाह भूमि को हड़पने के मामले का खुलासा दो साल पहले हुआ था। राजस्व विभाग ने मामले की जांच की जिसमें फर्जीवाड़ा का खुलासा हुआ।

इसके बाद कलेक्टर ने रेकार्ड दुरुस्त कर जमीन को वापस से चरागाह के नाम पर दर्ज करने के निर्देश एसडीएम को दिए थे। चौंकाने वाली बात यह है कि अभी भी उक्त भूमि आधा दर्जन भू-माफियाओं के नाम पर है।

मामले में अब कमिश्नर रायपुर ने भी उक्त भूमि को शासकीय मद में दर्ज करने को कहा है। इसके बाद भी अभी तक कार्रवाई नहीं हुई। बतादें कि मंदिरहसौद के गांधीग्राम (नकटा) में कुल 19.39 हैक्टेयर, 48.47 एकड़ और ग्राम पंचायत दरबा में 21.60 एकड़ शामिलात चारागाह की जमीन मामले की जांच होने के बाद भी अब भी निजी खसरा में दर्ज है। कुल 70.07 एकड़ शासकीय जमीन रसूखदारों का कब्जा है। आज इस भूमि की कीमत 150 करोड़ रुपए की बताई जा रही है।

ऐसे किया फर्जीवाड़ा

दूसरे मामले में अधिकार अभिलेख 1975 से 2002 -03 में उक्त भूमि पुराना खसरा क्रमांक 615 ,254,198,19 परिवर्तित नया खसरा नंबर 25,887,905 ,952 ,982 कुल रकबा लगभग 21.60 एकड़ शमिलात चारागाह राजस्व अभिलेख में दर्ज थी। उक्त भूमि निजी भूमि के रूप में दर्ज हो चुकी है। उक्त जमीन जिसका कुल रकबा 1.66 हैक्टेयर 4.15 एकड़ अभी भी चारागाह मद में दर्ज है।

जबकि उसी खाते की जमीन खसरा नंबर 25,887,905 कुल रकबा 1.66 हैक्टेयर 4.15 एकड़ अभी भी चरागाह मद में दर्ज है। इसी तरह नया खसरा क्रमांक 25, 887, 905, 952,982 कुल रकबा लगभग 21.60 एकड़ शामिलात चरागाह राजस्व अभिलेख में दर्ज थी। इसके बाद चरागाह मद की भूमि वर्तमान अभिलेख में फर्जी तरीके से रसूखदारों के नाम पर दर्ज कर दी गई।

निजी भूमि में परिवर्तन

नकटा गांधीग्राम में 48.47 एकड़ सरकारी जमीन को निजी भूमि में परिवर्तित कर दिया गया। शामिलात चारागाह के रूप में दर्ज है, जिसे जानबूझ कर नियमों के विरुद्ध बंटवारा करके नाम दुरुस्त किया गया। खसरा नंबर 2, 3, 7, 13, 79, 97, 102, 109, 216, 351, 362, 389, 528 कुल रकबा 19.39 हैक्टेयर है, वर्तमान में नया खसरा नंबर में परिवर्तित किया गया है।

जो अब 2/1, 2/2, 2/3, 3, 7/1, 7/2, 13, 79, 97, 102, 216 351, 372, 389, 528, कुल रकबा 19.39 हैक्टेयर है, जो वर्तमान राजस्व रिकॉर्ड में शालिनी अग्रवाल, ब्रिजेश अग्रवाल, शोभा अग्रवाल, प्रियंका अग्रवाल, आभा जौजे श्रीकांत अग्रवाल, पंकज कुमार झा, जय बालाजी एंड एसो. द्वारा शोभा अग्रवाल के नाम पर दर्ज है।

रागाह भूमि इनके नाम

चरागाह मद की दर्ज भूमि आज भी वर्तमान अभिलेख में फर्जी तरीके से खसरा नंबर (1) 952, रकबा 3.2900 खातेधारक सोसायटी ऑफ डिवाइन वर्ड द्वारा जोसेफ टोप्नो के नाम पर हैं। (2) खसरा नंबर 982/1 , रकबा 0.1600 चन्द्रशेखर तारक ( 3 ) 982/02, 982/3 , रकबा 2.2300 ,0.4100 यूनाइटेड शारदाज द्वारा पाटनर्स सौरभ शारदा पिता चन्द्रकांत शारदा (4) 982/4, 982 /5 रकबा 0.4900 ,0.5300 मिस्टर

ग्लास द्वारा भागीदार अमन ङ्क्षसघल पिता अशोक अग्रवाल के नाम पर दर्ज है। मामले की जांच के निर्देश दिए गए थे। जांच रिपोर्ट के अनुसार रिकॉर्ड दुरुस्ती करने को कहा गया था। अब तक दुरुस्त कैसे नहीं किया गया, एसडीएम को नोटिस जारी कर रिपोर्ट मांगी जाएगी। डॉ. सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे, कलेक्टर, रायपुर