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सोशल मीडिया बढ़ा रहा अपराध, नाबालिग अपराधियों को रोकना चुनौती…जानिए पुलिसिंग का सुखद अनुभव

Raipur News: इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(आईआईटी) जैसे शीर्ष संस्थान से इंजीनियरिंग करने के बाद अधिकांश लोग मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों के पैकेज लेकर काम करते हैं, लेकिन सूरजपुर जैसे ग्रामीण परिवेश से आए प्रशांत अग्रवाल ने प्रशासनिक सेवा को चुना।

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Prashant Agarwal, Raipur SSP

प्रशांत अग्रवाल, रायपुर एसएसपी

Chhattisgarh News: रायपुर। इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी(आईआईटी) जैसे शीर्ष संस्थान से इंजीनियरिंग करने के बाद अधिकांश लोग मल्टीनेशनल कंपनियों में लाखों के पैकेज लेकर काम करते हैं, लेकिन सूरजपुर जैसे ग्रामीण परिवेश से आए प्रशांत अग्रवाल ने प्रशासनिक सेवा को चुना। और वर्तमान में रायपुर एसएसपी के तौर पर काम कर रहे हैं।

उन्होंने पत्रिका इंटरव्यू में अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वे ग्रामीण परिवेश में पले-बढ़े हैं। इस दौरान उन्होंने ग्रामीणों को प्रशासन से जुड़े छोटे-छोटे काम के लिए परेशान होते देखा है। ऐसे लोगों की मदद करने के लिए ही आईआईटी से इंजीनियरिंग की डिग्री (CG Hindi News) लेने के बाद भी प्रशासनिक सेवा में आने का निर्णय किया था। अपने उद्देश्य में काफी सफल भी हुए हैं।

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कुछ चुनिंदा सवालों के जवाब-

Q. सोशल मीडिया पुलिस के कामकाज को कितना प्रभावित कर रहा है? सकारात्मक और नकारात्मक पहलू क्या है?

A. पुलिस के कामकाज पर काफी असर पड़ा है। किसी भी घटना का वीडियो-फोटो तत्काल सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म में वायरल होने लगती है। कई मामलों में घटना की सच्चाई या पूरे तथ्यों को जाने बगैर ऐसा होता है। इससे लोगों में अपराध बोध बढ़ा है। और उस घटना पर त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा करती है। कई सकारात्मक चीजें भी हैं। लोगों को अपनी शिकायत-सूचना पुलिस तक पहुंचाने का जरिया भी है। पुलिस के लिए साक्ष्य, आरोपियों को पकड़ने, सूचना, एक्शन लेने आदि कार्यों के लिए काफी मददगार है।

Q. पुलिसिंग में किस तरह की चुनौतियां हैं? सबसे बड़ी चुनौती क्या मानते हैं?

A . वर्तमान में सबसे बड़ी चुनौती नाबालिगों का अपराध करना है। कई गंभीर अपराध करने के बावजूद उन्हें विशेष प्रावधानों के तहत रखना पड़ता है। नाबालिगों के मामले में पुलिस पर कई बंदिशें हैं। इसके चलते सख्ती नहीं कर सकते हैं। विशेष प्रावधानों के कारण उन पर सीमित कार्रवाई ही कर पाते हैं। साइबर ठगी और नशा भी चुनौती के रूप में सामने आया है।

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Q. पुलिस के पास कानूनी पावर है, क्या अपराधिक गतिविधियां पूरी तरह खत्म हो सकती है?

A . अपराध करने वाले भी किसी समाज या परिवार से ही आते हैं। अपराध घटित होने के पीछे कई पहलू होते हैं। बेरोजगारी और बढ़ती जनसंख्या भी बड़ी वजह है। पुलिस अपराध को नियंत्रित कर सकती है, लेकिन पूरी तरह खत्म करने के लिए समाज और उस परिवार को भी आगे आना होगा, जिससे अपराधी जुड़ा है।

Q. पुलिसिंग के दौरान सबसे सुखद अनुभव?

A. जवाब-राजनांदगांव में पोस्टिंग के दौरान 11 साल के बालक का अपहरण हो गया था। पुलिस की टीम ने पूरे दिन-रात काम किया। दूसरे दिन बालक को सही-सलामत बरामद कर लिया। इसके बाद परिजनों को सौंप दिया। इसमें पुलिस टीम की भी काफी सराहना हुई। बालक को सुरक्षित घर पहुंचाना, यह काफी सुखद अनुभव था।

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