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क्या CG में भी बढ़ रहा है डॉ जाकिर नाईक का प्रभाव? कौन है ये शख्स 

बांग्लादेश के ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत के मुबंई के रहने वाले जाकिर नाईक को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई हैं।

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Abhishek Jain

Jul 08, 2016

zakir naik

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रायपुर. बांग्लादेश के ढाका में हुए आतंकी हमले के बाद से ही भारत के मुबंई के रहने वाले जाकिर नाईक को लेकर देशभर में बहस छिड़ी हुई हैं। 50 साल के इस शख्स का नाम आतंकवादियों से जुडऩे के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सकते में हैं। नाईक का सबंध खंूखार आतंकवादी मोहम्मद हाफिज साईद से भी होना बताया जा रहा है। मुस्लिम धर्मगुरु कहे जाने वाले इस शख्स के भडक़ाऊ भाषण सोशल मीडिया में जमकर देखे जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ में भी इसके बारे में चर्चा हो रही है. सोशल मीडिया में इसके भाषणों के विडियो को लोग शेयर कर अपनी-अपनी राय दे रहे हैं. कहा जा रहा है कि नाईक की बातों से सबसे ज्यादा युवा आकर्षित हो रहे हैं. हालाँकि मुस्लिम समाज के युवाओं का कहना है कि वे नाईक की बातों से इत्तेफाक नहीं रखते।

कैसे बन गया नाईक मुस्लिम उपदेशक
जाकिर नाईक का जन्म 1965 में मुंबई में हुआ था। इसने इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन की स्थापना भी की है। जाकिर ने मुंबई के टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल चैरिटेबल हॉस्पिटल से अपनी एमबीबीएस के आखिरी साल में दक्ष‍िण अफ्रीका के इस्लामिक उपदेशक अहमद दीदत का लेक्चर सुना था, तभी से वह उससे प्रेरित होकर मुस्लिम उपदेशक बन गया।

पूरी दुनिया में जाकर देता है इस्ताम पर भाषण
नाईक पूरी दुनिया में जाता है। उसकी बड़ी-बड़ी सभाएं आयोजित की जाती हैं। वह पिछले 20 सालों में 30 से ज्यादा देशों में 2000 से भी ज्यादा सभाएं कर चुके है। जाकिर की सभाओं में खासी भीड़ जुटती है. दुनिया भर में उनकी पहचान इस्लामिक धर्मगुरु की है. लेकिन, अपने कई बयानों की वजह से वो विवादों में रहे हैं. जाकिर ये दावा करते हैं कि उन्होंने सभी धर्मों के पवित्र ग्रंथों को पढ़ रखा है. अपनी सभाओं में वो लोगों को ये बताने से नहीं चूकते।

कई देशों में लगी है रोक
जाकिर नाईक के विवादित भाषणों के चलते कनाडा, मलेशिया समेत कई देशों में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगा हुआ है। उन्होंने एक बार बयान दिया था कि सारे मुसलमानों को आतंकवादी होना चाहिए, आतंकवादी मतलब जो भय फैलाए। उसके इस बयान के बाद कई देशों ने अपने यहां उसकी सभा करने से इंकार कर दिया था। लेकिन वो टीवी के माध्यम ले जहर उगलता रहता है।

उर्दू, अंग्रेजी में देता है भाषण
जाकिर नाईक की उदू्र्र के साथ ही अंग्रेजी पर भी खासी पकड़ है वह विदेशों में जाकर अंग्रेजी में ही भाषण देता है। साथ ही युवाओं का इसी से माइंड वॉश करता है। जाकिर नायक की वेशभूषा और भाषा दूसरे इस्लामिक धर्मगुरुओं से बिलकुल अलग है. वो सूट पहनकर कुरान की आयतें पढ़ते हैं. उर्दू की जगह अंग्रेजी में बोलते हैं। वह इस्लामिक गुरू बन युवाओं को गलत रास्ते पर ले जा रहा है और पूरी दुनिया में आतंक फैला रहा है।

भारत में क्यूँ की जा रही है बैन की मांग
विवादित इस्लामिक विचारक जाकिर नाइक पर केंद्र सरकार सख्त एक्शन ले सकती है. खबरों के मुताबिक जाकिर नाइक के विचारों से ढाका हमले में मारे गए आतंकी प्रभावित थे. इस मामले में केंद्र सरकार ने संकेत दिया कि वह मुस्लिम धर्मगुरु जाकिर नाइक के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रही है.ऐसा कहा जा रहा है कि एक जुलाई को ढाका के होली आर्टिसन बेकरी हमले में 20 लोगों की हत्या करने वाले आतंकी नाइक के उपदेशों से प्रभावित थे.



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