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सरकार ने शिक्षाकर्मियों को दी अंतिम मोहलत, आज शाम 4 बजे तक नहीं लौटे तो जाएगी नौकरी

शिक्षाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रोकने के लिए सरकार ने अंतिम मोहलत दी है। इसके बाद बर्खास्तगी की बड़ी कार्रवाई कर सकती है।

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Shikshakarmi

Striking Shikshakarmis can declare agitation movement against CG Govt

रायपुर . शिक्षाकर्मियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल रोकने के लिए सरकार सोमवार को बर्खास्तगी की बड़ी कार्रवाई कर सकती है। माना जा रहा है, रायपुर के बाद अब प्रदेश के सभी जिलों में बर्खास्तगी की कार्रवाई होगी। इससे बचने के लिए शिक्षाकर्मियों को शाम 4 बजे तक काम पर लौटने की अंतिम मोहलत दी गई है।

रायपुर की कार्रवाई से साफ संकेत हो गए है कि सरकार परिवीक्षा अवधि वाले शिक्षाकर्मियों के साथ-साथ ब्लॉक स्तर पर आंदोलन की बागड़ोर संभाल रहे शिक्षाकर्मियों पर गाज गिराएगी। इधर, राजधानी में शिक्षाकर्मियों ने धरना स्थल पर संविधान दिवस मानते हुए अपना संवैधानिक अधिकार मांगा और बर्खास्तगी आदेश की प्रतियां जलाकर आंदोलन में डटे रहने का संकल्प दोहराया। मोर्चा के पदाधिकारियों की निगाह अब 28 नवंबर को होने वाली कैबिनेट की बैठक में टिकी है। यदि इसमें शिक्षाकर्मियों के हित में कोई बात नहीं होती है, तो प्रदेशभर के शिक्षाकर्मी राजधानी पहुंचकर धरना देने की तैयारी कर रहे हैं।

जोगी ने पंचायतों के समर्थन का चला दांव
शिक्षाकर्मियों के समर्थन में मरवाही विधायक अमीत जोगी ने नया दांव खेल दिया है। उन्होंने नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव को पत्र लिखकर कहा है कि कांग्रेस समर्थित जनपद पंचायतों की सामान्य सभा में शिक्षाकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं करने का प्रस्ताव पास करवाएं। शनिवार को मरवाही जनपद पंचायत एेसा ही प्रस्ताव पारित कर चुकी है।

पहले भी हुआ संविलियन
शिक्षाकर्मियों ने कुछ दस्तावेज जारी किए हैं, जिसमें बताया कि वर्ष 2002 में अनुदान प्राप्त स्कूलों में कार्यरत शिक्षाकर्मी और वहां के कर्मचारियों का संविलियन हुआ था। मामला जांजगीर-चांपा जिले का है। आरटीआई की जानकारी के मुताबिक 2002 में यहां के अनुदान प्राप्त स्कूल का शासकीयकरण हुआ था। इसके बाद यहां के शिक्षाकर्मियों से लेकर अशासकीय भृत्यों को अस्थायी रूप से स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन किया गया था, जो आज भी काम कर रहे हैं।

तृतीय वर्ग कर्मचारी नहीं करेंगे शिक्षाकर्मियों का काम
शिक्षाकर्मियों के समर्थन में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ खुलकर सामने आ गया है। संघ ने एेलान कर दिया है, शिक्षाकर्मियों के बदले दिए जाने वाले काम को तृतीय वर्ग के कर्मचारी नहीं करेंगे। संघ के प्रांताध्यक्ष विजय झा ने कहा, सरकार इस तरह के आंदोलन को दबाने, दूसरे कर्मचारियों का सहारा लेती है, यह सही नहीं है। शिक्षाकर्मी, स्कूल सफाईकर्मी, मध्याह्न भोजन रसाईयों सहित ५ सूत्रीय मांग को लेकर सोमवार को भोजन अवकाश के दौरान प्रदर्शन करेंगे।