
Chhattisgarh Cullture : एकता और मिलन का पर्व है रजुतिया , भगवान के ससुराल जाने से हुई थी शुरुआत , पढ़िए क्या है कहानी
Rajuthia 2023: रायपुर. रजुतिया का पर्व असाढ़ महीने की कृष्णा पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस दिन भगवान जगन्नाथ , बलराम और सुभद्रा की रथ यात्रा निकाली जाती है।
Rajuthia 2023: यह पर्व हमारे देश के हर हिस्से में मनाया जाता है। विशेष तौर से इसकी शुरुआत जगन्नाथ ( Rath Yatra 2023) पुरी से हुई है। वहां यह त्यौहार कर भी ज्यादा हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता है। मान्यता यह है कि इस दिन भगवान अपने ससुराल जनकपुर गए थे। तब से यह इसे मनाया जा रहा है।
जगन्नाथ महाप्रभु इस दिन गए थे ससुराल
Rajuthia 2023: यह मान्यता है कि भगवान जगन्नाथ इस दिन ससुराल गए थे। पुजारी बताते हैं कि प्रभु अपनी बहन सुभद्रा और भाई बलराम के साथ जनकपुर गए थे। तब से इस पर्व की शुरुआत हुई। भगवान अपनी मौसी के यहाँ होते जब लक्ष्मी माता उनसे मिलने आतीं है। स्वादिस्ट पकवान खाने से भगवान बजमार पद जाते हैं। लक्ष्मी जी उनसे मिलने नहीं दिया जाता है। माता गुस्सा हो के वहां से चली जाती हैं। ठीक होने के बाद भगवान खुद उन्हें मानने जाते है। यहीं से इस पर्व की शुरुआत हुई।
छत्तीसगढ़ की मान्यता
Rajuthia 2023: छत्तीसगढ़ में इस दिन को बहुत शुभ माना जाता है। हर अच्छे काम की शुरुआत इस दिन से होती है। किसान धान बोते हैं। नए घर का गृहप्रवेश किया जाता है। शादी बियाह होने के बाद नई दुल्हन को मायके से ससुराल भी इस दिन लाया जाता है।
Published on:
12 Jun 2023 07:04 pm
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