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15 दिन बाद खुलेगा भगवान जगन्नाथ के मंदिरों का पट, मनाया जाएगा नेत्र उत्सव का पर्व

पंद्रह दिनों से जगन्नाथ मंदिरों के पट पूजा-पाठ के लिए बंद थे।

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lord jagganath

15 दिन बाद खुलेगा भगवान जगन्नाथ के मंदिरों का पट, मनाया जाएगा नेत्र उत्सव का पर्व

रायपुर. छत्तीसगढ़ में पंद्रह दिनों से भगवान जगन्नाथ स्वामी बीमार थे। इसलिए पंद्रह दिनों से जगन्नाथ मंदिरों के पट पूजा-पाठ के लिए बंद थे। गुरुवार को महाप्रभु के स्वस्थ होने के बाद 13 जुलाई को मंदिरों में भगवान का नेत्र उत्सव पर्व मनेगा। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अभिषेक पूजन होगा। पुरी की तर्ज पर 14 जुलाई को रथयात्रा निकलने के लिए भगवान का रथ तैयार है।

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राजधानी में रथयात्रा की तैयारियों मंदिरों से लेकर उत्कल बस्तियों में भी चल रही हैं। पौराणिक मान्यता के अनुसार 28 जून को ज्येष्ठ पूर्णिमा तिथि पर भगवान जगन्नाथ स्नान के बाद 15 दिनों के लिए बीमार पड़ जाते हैं। इस दौरान मंदिरों के पुजारी सुबह-शाम भगवान को जड़ी-बूटियों के काढ़े से उपचार कर श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया गया।

गायत्री नगर जगन्नाथ मंदिर सेवा समिति के संरक्षक पुरंदर मिश्रा ने बताया कि महाप्रभु की रथयात्रा के लिए तीनों रथ तैयार हो चुके हैं। इसी तरह प्राचीन टूरी हटरी तथा सदरबाजार मंदिर में भी जोरदार तैयारियां की गई हैं। रथयात्रा पर उत्कल विकास मंच के अध्यक्ष दानीराम नायक एवं महामंत्री गोपाल बाघ ने बताया कि मधुसूदन दास चौक पर रथयात्रा का स्वागत और महाप्रसाद वितरित किया जाएगा। संस्था के कार्यालय राजेंद्र नगर में बैठक कर तैयारियों को अंतिम रूप दिया गया।

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14 जुलाई को भगवान जगन्नाथ स्वामी नंदी घोष, भाई बलभद्र तालध्वज तथा बहन सुभद्रा देवदलन रथ पर सवार होकर अपने मौसी के घर जाने के लिए निकलेंगे। इस रथयात्रा के माध्यम से भगवान श्रद्धालुओं को दर्शन देते हैं। रथयात्रा के दौरान गजामूंग और चने का प्रसाद वितरित किया जाता है। इसके पीछे पौष्टिक आहार की मान्यता है।