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Raipur News: रविशंकर विश्वविद्यालय की जमीन पर कब्ज़ा, अपनी भूमि बचाने में हांफ रहा प्रशासन

Raipur News: यूनिवर्सिटी के रेकॉर्ड वाली जिस भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है, उसे समझौते के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रबंधन को छोड़ने का खेल गोपनीय रूप से चल रहा है।

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पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय (Photo Patrika)

Raipur News: पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय प्रशासन अपनी जमीन बचाने में हांफ रहा है। हैरानी ये कि यूनिवर्सिटी के रेकॉर्ड वाली जिस भूमि पर अवैध कब्जा किया गया है, उसे समझौते के माध्यम से विश्वविद्यालय प्रबंधन को छोड़ने का खेल गोपनीय रूप से चल रहा है। इसमें विश्वविद्यालय के उच्च अधिकारी की भूमिका संदेह के दायरे में है। विश्वसनीय सूत्रों का दावा है कि कब्जाधारी के साथ मध्यस्थता के लिए तारीख भी तय हो गई है। यदि सती से प्रशासन इस पर रोक नहीं लगाता तो यूनिवर्सिटी के हाथ से यह जमीन फिसल जाएगी।

दरअसल, विश्वद्यालय प्रशासन के आवेदन पर राज्य शासन ने साल 2005-6 में डूमरतालाब में करोड़ों रुपए की 29.402 हेक्टेयर भूमि अर्जित करके पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय को दी थी। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसका भुगतान सरकारी खजाने से भूस्वामियों को किया है, लेकिन उसे बचाने के बजाय अतिक्रमणकारियों के सामने घुटने टेंकने के राह पर चल पड़ा है।

इस मामले में न्यायालय तहसीलदार रायपुर से नोटिस भी जारी किया जा चुका है। विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने तथ्यों के दस्तावेज दिए। नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि अवैध कब्जाधारी ने विश्वविद्यालय के पूर्व रजिस्ट्रार से साठगांठ कर करीब एक एकड़ भूमि छोड़ने का रास्ता अतियार कर लिया था। जबकि इनमें से कुछ मामले न्यायालय में चल रहे हैं। इसी बीच फिर समझौता करने का खेल अंदर ही अंदर शुरू हो गया है।

विश्वविद्यालय प्रशासन के हक एवं स्वामित्व की भूमि खसरा नंबर 499, रकबा 0.348 हेक्टेयर यानी कि करीब एक एकड़ भूमि अवैध कब्जाधारी के साथ समझौते की भेंट चढ़ने वाली है। सूत्रों के अनुसार, एक उच्च अधिकारी के साथ कब्जाधारी के साथ 23 जुलाई को बिलासपुर में मध्यस्थता सेंटर में बैठक तय हुई है। इसमें पूरा खाका तैयार होगा, फिर उसी को आधार बनाकर आने वाले समय में न्यायालयों में रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी जाएगी।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने न तो अपने स्वामित्व वाली जमीन छोड़ने के लिए समझौता किया है, न करेगा। बल्कि कब्जाधारी द्वारा दबाई गई भूमि कानूनी प्रक्रिया के तहत हासिल की जाएगी। इस मामले में किसी भी तरह की मिलीभगत नहीं चलेगी। संपदा अधिकारी के पास भू-अर्जन का पूरा रेकॉर्ड और रकबे की पूरी जानकारी है।

-अबर व्यास, रजिस्ट्रार, रविवि प्रशासन