6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सारे नेताओं को भ्रष्ट कहने वाले पढ़ लें यह खबर, फिर कहेंगे वाह नेताजी वाह!

यूं तो आप रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने या न्यायालय से सजा पाने के कई मामले सुने होंगे, लेकिन यह अनोखा मामला है।

2 min read
Google source verification
CG political, Chhattisgarh politician, Chhattisgarh politics, all leaders who corrupt,  Wow Netaji wah, CG government, BJP

दुर्ग/रायपुर. यूं तो आप रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार होने या न्यायालय से सजा पाने के कई मामले सुने होंगे, लेकिन यह अनोखा मामला है। जिसमें रिश्वत देने वाले को न्यायालय ने सजा सुनाई है। इसके अलावा यदि आप सारे नेताओं को भ्रष्ट मानते हैं तो यह खबर आपके मिथक को तोड़ देगी। दरअसल, दुर्ग जिले के तत्कालीन भाजपा सांसद ताराचंद साहू को अभियुक्त पवन लाखोटिया द्वारा 5 लाख रिश्वत देने के मामले में लाखोटिया को 2 साल कैद की सजा हुई है। विशेष न्यायाधीश सत्येन्द्र कुमार साहू के कोर्ट ने 10 हजार जुर्माना भी लगाया है। इस मामले में एक अन्य आरोपी सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अभय कुमार गुप्ता को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है।

3 अगस्त 2007 को एमबीएल इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) के डायरेक्टर पवन लाखोटिया अपने मित्र हर्ष मंत्री के साथ सांसद ताराचंद साहू से मुलाकात करने पहुंचे। लाखोटिया ने कुछ देर चर्चा के बाद सांसद के सामने 5 लाख रुपए और मिठाई का डिब्बा रख दिया। लाखोटिया आगे कुछ कह पाते एसीबी के अधिकारियों ने गिरफ्तार कर लिया। सांसद ने पहले ही इसकी सूचना एसीबी की दे दी थी। एसीबी के अधिकारी वहां सादे वेश में तैनात थे।

Read more: शराबी बेटे को छुड़ाने महिला ने थाने में किया ऐसा गंदा काम, जिसे देख पुलिस भी भागने लगी

शिकायत वापस लेने की पेशकश
दुर्गापुर की एमबीएल इन्फ्रास्ट्रक्चर कंपनी ने बीएसपी से स्क्रेप उठाने टेंडर लिया था। यह कंपनी सीआईएसएफ के कुछ अफसरों से मिलकर संयंत्र से स्क्रेप के साथ प्योर लोहा भी पार कर रही थी। तत्कालीन सांसद ताराचंद साहू ने इसकी जानकारी मिलने पर पीएम से शिकायत की। लाखोटिया ने सांसद को शिकायत वापस लेने रिश्वत देने की पेशकश की। डिप्टी कमांडेट अभय गुप्ता ने मध्यस्थता की। बातचीत के बाद लाखोटिया रिश्वत देने पहुंच गए। तब से लेकर अब तक यह केस चल रहा था। इसके बाद न्यायालय ने इसमें सजा सुनाई है। हालांकि सांसद इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ की छेड़ी गई मुहिम रंग लाई और आरोपी को सजा मिली। दूसरी तरफ इस मामले में एक अन्य आरोपी सीआईएसएफ के डिप्टी कमांडेंट अभय कुमार गुप्ता को न्यायालय ने दोषमुक्त कर दिया है।