
अब रजिस्ट्री करना हुआ आसान..! 25 साल पुराने नियमों पर बड़ा बदलाव, जमीन के बाजार मूल्य... जानें नए नियम(photo-patrika)
CG Plot Registry: छत्तीसगढ़ सरकार ने 25 साल पुरानी गाइडलाइन के नियमों में बड़ा बदलाव करते हुए कृषि, डायवर्टेड, नजूल और आबादी की भूमि के लिए समान मूल्य निर्धारण की व्यवस्था लागू करने का फैसला किया है। नई गाइडलाइन छत्तीसगढ़ में 20 नवंबर गुरुवार से लागू हो जाएगी।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर जमीन गाइडलाइन मूल्य निर्धारण में बदलाव किया गया है। इससे रजिस्ट्री की प्रक्रिया अब आसान होगी। वहीं भ्रम, विसंगतियां व अतिरिक्त शुल्क भी समाप्त होंगे, जिससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी। नए नियम में 77 प्रावधानों को हटाकर अब सिर्फ 14 ही रहेंगे।
नए नियमों में दो फसली भूमि होने पर 25 प्रतिशत वृद्धि, गैर परंपरागत फसलों पर 25 प्रतिशत वृद्धि, नलकूप-ट्यूबवेल होने पर उसकी अलग कीमत, बाउंड्रीवाल एवं फ्लिंट होने पर उसकी अलग कीमत वृद्धि करने जैसे प्रावधानों को हटा दिया गया है।
अब कोई नया मोहल्ला, कॉलोनी या परियोजना विकसित हो तो उसके लिए विशेष रूप से गाइडलाइन दर का निर्धारण किया जाएगा। इसके लिए गाइडलाइन पुनरीक्षण के लिए प्रतीक्षा नहीं की जाएगी। इस संबंध में पंजीयन महानिरीक्षक एवं अधीक्षक मुद्रांक कार्यालय ने सभी कलेक्टर सहित संबंधित अधिकारियों को आधिकारिक पत्र जारी किया है।
नगरीय क्षेत्रों में गाइडलाइन को रोड-वाइज तैयार किया गया, ताकि एक सड़क और समान परिस्थितियों वाले क्षेत्रों की दरें समान हों। अत्यधिक कंडिकाओं को समायोजित कर संख्या कम की गई, ताकि नागरिकों को मूल्य समझने में सरलता हो।
ग्रामीण क्षेत्रों में सभी गांवों की दरों को नक्शे में प्रविष्ट कर, समान मार्ग और समान परिस्थितियों वाले गांवों की दरें यथासंभव समान और तर्कसंगत की गईं। वर्तमान दरों की वैज्ञानिक मैपिंग कर रैशनलाइज़्ड बेस रेट तैयार किए गए और इन्हीं के आधार पर नई दरें प्रस्तावित की गईं।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा की गाइडलाइन दरों का वैज्ञानिक और तर्कसंगत पुनरीक्षण राज्य के किसानों, भूमिस्वामियों और आम नागरिकों के हित में उठाया गया अत्यंत महत्वपूर्ण कदम है। गाइडलाइन दरों की गणना इन नियमों के अनुसार की जाती है, जैसे मुख्य मार्ग की दूरी क्या होगी, कौन से तल में होने पर कितना वैल्यूएशन होगा, किन-किन परिस्थितियों में कितने कितने मूल्य बढ़ेंगे आदि।
इन नियमों के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री के समय बाजार मूल्य का आकलन किया जाता है। गाइडलाइन नियम 2000 के अनुसार दरों का प्रतिवर्ष पुनरीक्षण आवश्यक है, परंतु 2017-18 के बाद से दरों में किसी प्रकार का संशोधन नहीं हुआ था। इस कारण वास्तविक बाजार मूल्य और गाइडलाइन दरों में भारी अंतर पैदा हो गया था। इसका प्रतिकूल प्रभाव किसानों, भूमिस्वामियों, संपत्ति धारकों और आम नागरिकों पर पड़ रहा था।
Published on:
20 Nov 2025 08:39 am
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