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अमीर-गरीब सब हो रहे हैं साइबर ठगी के शिकार, विधायक-अफसर कर रहे सर्तक

ठगी के तरीकों को लेकर अलर्ट रहने कह रहे हैं। इसमें रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर के पुरंदर मिश्रा, आरंग के गुरु खुशवंत साहेब और धरसींवा अनुज शर्मा पुलिस के साइबर जनजागरूकता पखवाड़े में शामिल होकर अपने वीडियो मैसेज के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं।

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प्रदेश में साइबर ठगी कम पढ़े-लिखे गरीब से लेकर हाईएजुकेटेड अमीरों से भी हो रही है। इसका ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसे रोकने के लिए पुलिस लोगों को जागरूक कर रही है। इसके लिए साइबर पखवाड़ा मनाया जा रहा है। इसमें अब विधायकों को भी जोड़ा गया है। विधायक भी अपने क्षेत्र के लोगों के लिए वीडियो मैसेज जारी कर रहे हैं। ठगी के तरीकों को लेकर अलर्ट रहने कह रहे हैं। इसमें रायपुर ग्रामीण के विधायक मोतीलाल साहू, रायपुर उत्तर के पुरंदर मिश्रा, आरंग के गुरु खुशवंत साहेब और धरसींवा अनुज शर्मा पुलिस के साइबर जनजागरूकता पखवाड़े में शामिल होकर अपने वीडियो मैसेज के जरिए लोगों को जागरूक कर रहे हैं। साथ ही हाट-बाजार, चौक-चौराहे, स्कूल-कॉलेज, ग्राम पंचायत, सोशल मीडिया और आकाशवाणी के माध्यम से विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है।

124 स्टूडेंट्स, 20 वॉलटियर्स हुए शामिलपुलिस मुख्यालय की ओर से एडीजी तकनीकी सेवाएं प्रदीप गुप्ता की अध्यक्षता में आईडीटीआर में साइबर जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इसमें एनआईटी, आईआईआईटी, कलिंगा विश्वविद्यालय, अग्रवाल पब्लिक स्कूल, आदर्श इंटरनेशनल स्कूल के 124 छात्र-छात्राएं और 20 साइबर वालंटियर्स शामिल हुए। एडीजी गुप्ता ने साइबर ईकोसिस्टम के विस्तार, अपराध की प्रवृत्ति, साइबर अपराधियों के धरपकड़ और उससे जुड़ी कठिनाइयों की जानकारी दी। सोशल मीडिया पर फेक पोस्ट को फ्लेग किए जाने और इसके रोकथाम के लिए साइबर वॉलंटियर के रूप में कार्य करने प्रेरित किए। एआईजी (तकनीकी सेवाएं) कवि गुप्ता द्वारा इंटरनेट के बढ़ते प्रयोग, डिजिटल उपकरणों पर हमारी निर्भरता, फायदे, इनसे जुड़े नवीन साइबर खतरों जैसे डिजिटल अरेस्ट, जॉब फ्रॉड, सेक्सटार्शन, ऑनलाइन ट्रेडिंग, सोशल मीडिया अकाउंट हैकिंग के संबंध में जानकारी दिया गया। जागरूकता के एक्स हैंडल @cyberdost को फॉलो करने का सुझाव दिया। साइबर वालंटियर से एफआरएस, पुलिस वेबसाइट और क्रिप्टो करेंसी फ्रॉड विषय पर सुझाव आदि की जानकारी दी। कार्यशाला के अंत में टीआई रोहित मालेकर ने नए साइबर खतरों से बचाव की जानकारी दी।

रोज एक एक तरीकों पर जागरूकतापुलिस साइबर जनजागरूकता पखवाड़ा के तहत रोज ठगी के एक-एक तरीकों को लेकर जागरूक करते हैं। इसमें आज पेंशनर्स को उनके दस्तावेज वेरीफाई करने और अन्य तरीकों से ठगने की जानकारी दी गई। क्राइम डीएसपी संजय सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों द्वारा पेंशनधारकों को जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के नाम पर ठगा जा रहा है। इसके लिए कॉल करते हैं। उनके पास पेंशनधारकों का पूरा डेटा जैसे नियुक्ति का दिनांक, पीपीओ नंबर, आधार कार्ड संख्या आदि पूरी जानकारी रहती है। कॉल करके इसकी जानकारी देते हैं, ताकि पेंशनधारकों को यह विश्वास दिलाया जा सके कि वे पेंशन निदेशालय से हैं। इसके बाद पेंशनर से जीवन प्रमाण पत्र अपडेट करने के लिए ओटीपी मांगते हैं। एक बार जब पेंशनर फोन पर आए ओटीपी को साझा करता है, तो इससे उनके बैंक खाते का एक्सेस कंट्रोल मिल जाता है। इसके बाद पेंशनर के खाते में जमा राशि को दूसरे फर्जी बैंक खातों या वॉलेट में ट्रांसफर कर देते हैं।

ऐसा कभी नहीं होताडीएसपी क्राइम सिंह ने बताया कि पेशंन निदेशालय कभी भी किसी पेंशन धारक को उनका जीवन प्रमाण पत्र ऑनलाइन अपडेट करने के लिए कॉल नहीं करता है। यह पेंशन धारकों का कर्तव्य है कि वे अपने जीवन प्रमाण पत्र को व्यक्तिगत रूप से पेंशन निदेशालय में जाकर अपडेट कराए। इस तरह के फर्जी कॉल से बचे और रेंज साइबर थान

अथवा साइबर क्राइम रायपुर को सूचित करें।