
रायपुर. प्रदेश की राजधानी रायपुर के सरोना गांव में भगवान शिव का 250 साल पुराना पंचमुखी मंदिर है। हर साल सावन के महीने में यहां भक्तों का तांता लग जाता है। ऐसा इस बार भी देखने को मिला । सावन के पहले और दूसरे सोमवार को सुबह से भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ा था। यहां भारी मात्रा में शिव उपासक पहुंचते हैं, इस बात के पीछे प्राचीन मान्यता है। पुजारियों के मुताबिक यहां पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है। सफेद रंग का आक या मदार चढाने से भोलेनाथ प्रसन्न हो उठते हैं।
अतभुत है मंदिर का गर्भगृह
इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत है कि इसके गर्भगृह में भगवान शिव की ऐसी प्रतिमा विराजमान हैं, जिसमें भगवान शिव की गोद में गणेश जी हैं। हंस पर सवार ब्रह्मा जी की मूर्ति स्थापित है। भगवान विष्णु गरुड़ के साथ विद्यमान हैं। प्रभु कीर्तिमान मंदिर के द्वार की रक्षा करते हैं। यह सब अपने आप में अनोखा है। यहां पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है। 1838 ईसवीं में इस मंदिर का निर्माण हुआ था।
अनोखी है निर्माण की कहानी
इस मंदिर के निर्माण के संबंधित लोकप्रिय कहानी प्रचलित है। कहानी इस प्रकार है कि 14 गांव के मालिक गुलाब सिंह की संतान नहीं थी सरोना गांव के आस पास नागा साधुओं ने डेरा जमाया था। इन साधुओं ने गुलाब सिंह को गांव के पास तालाब खुदवाकर शिव मंदिर बनाने की सलाह दी। इस पर तालाब खुदवाकर वहां शिव मंदिर बनवाया गया। इस पर ठाकुर परिवार को दो संतान की प्राप्ति हुई। आज भी इस मंदिर में लोग संतान प्राप्ति की कामना लेकर आते हैं। भोलेनाथ की कृपा नि:संतान लोगों पर बरसती हैं।
Updated on:
20 Jul 2023 06:05 pm
Published on:
20 Jul 2023 06:00 pm
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