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वेतन सीधे खाते में, फिर भी नियमित करने में आनाकानी

Chhattisgarh News : सरकारी विभागों में कई वर्षोँ से कार्यरत कलेक्टर दर वाले हजारों कर्मियों में काफी आक्रोश है।

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वेतन सीधे खाते में, फिर भी नियमित करने में आनाकानी

वेतन सीधे खाते में, फिर भी नियमित करने में आनाकानी

Chhattisgarh News : सरकारी विभागों में कई वर्षोँ से कार्यरत कलेक्टर दर वाले हजारों कर्मियों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि वेतन राजकोष से सीधे उनके बैंक खातों में दिया जाता है, परंतु रेगुलर करने में राज्य सरकार दोहरा रवैया अपना रही है। जबकि मध्यप्रदेश और हिमाचल में उनके जैसे कर्मचारियों को नियमित किया जा रहा है तो वैसा पैटर्न छत्तीसगढ़ में क्यों लागू नहीं किया जा रहा है।

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दैनिक श्रमिकों ने सरकार के सामने अपनी मांगों को रखा है कि एक ऐसा कर्मियों का समूह है जो दैनिक वेतनभोगी, आकस्मिकता निधि एवं कार्यभारित में नहीं आता है। परंतु उसे सरकारी विभागों में बक़ायदा उच्च कुशल, कुशल, अर्धकुशल, अकुशल जैसी श्रेणियों का नियुक्ति पत्र, पद नाम से रखा गया है।

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जिनकी संख्या 36 हजार से ज्यादा ऐसे कर्मचारी छत्तीसगढ़ शासन के समस्त 50 से अधिक विभागों में कई वर्षों से तृतीय एवं चतुर्थ श्रेणी के समान कार्यों के लिए रखे गए हैं। इन्हें किसी भी प्रकार का नियुक्ति पत्र नही दिया गया। बल्कि आवश्यकता अनुसार पूर्णकालिक रूप से कार्यरत हैं। नियमित रूप से संबंधित विभाग अलग-अलग श्रेणियों के लिए लागू श्रम आयुक्त दर, कलेक्टर दर के अनुसार राजकोष से उन्हें वेतनमान भुगतान किया जाता है।

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छत्तीसगढ़ सर्वविभागीय श्रमायुक्त एवं कलेक्टर दर श्रमिक मोर्चा ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अपने पदस्थापना को पूरा ब्योरा देते हुए इन दैनिक श्रमिक को 1998, 2008, 2018, 2023 से काम कराने की जानकारी दी है। ऐसे श्रमिकों को मध्य प्रदेश एवं हिमाचल प्रदेश की स्थाई, नियमित करने जैसी नीति-नियम छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग रखी है। 48 हजार दैनिक श्रमिकों को मध्य प्रदेश में स्थाई कर एनपीएस, महंगाई भत्ता, वेतन वृद्धि, अनुकम्पा नियुक्ति देना लागू किया है।