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महापंचायत में शिक्षाकर्मियों का फैसला, बोले – अब 90 विधानसभाओं में मनाएंगे संविलियन संकल्प दिवस

मौसम की वजह से शिक्षाकर्मियों ने महापंचायत खत्म करने का एेलान किया और निर्णय लिया कि अब धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे।

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संविलियन को लेकर १ मई की बैठक में राहत की उम्मीद कम, शिक्षाकर्मी ले सकते हैं ये बड़ा फैसला

रायपुर . संविलियन की मांग को लेकर सरकार के साथ लड़ाई लड़ रहे शिक्षाकर्मियों की महापंचायत खत्म हो गई है। चिलचिलाती धूप और अचानक हुई बारिश ने शिक्षाकर्मियों के महापंचायत पर पानी फेर दिया। मौसम की वजह से शिक्षाकर्मियों ने महापंचायत खत्म करने का एेलान किया और निर्णय लिया कि अब धरना प्रदर्शन नहीं करेंगे।

शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारी ने कहा कि संविलियन को लेकर सभी पूरे प्रदेश स्तर पर लड़ाई लड़ी जाएगी। उन्होंने कहा कि इसके लिए 26 मई से सभी शिक्षाकर्मी विधानसभाओं में संविलियन संकल्प दिवस मनाएंगे। इस संविलियन संकल्प कार्यक्रम में अन्य राजनीतिक दलों के स्थानीय प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जाएगा।

इससे पहले संविलियन की मांग को लेकर सरकार के साथ लड़ाई लड़ रहे छत्तीसगढ़ शिक्षक पंचायत नगरीय निकाय मोर्चा ने शुक्रवार को राजधानी में महापंचायत बुलाई। इस महापंचायत में प्रदेश स्तर के शिक्षाकर्मी पहुंचे, लेकिन चिलचिलाती धूप और गर्मी की वजह से राजधानी के बूढ़ातालाब स्थित धरना स्थल पर संख्या कम नजर आई। हालांकि, मोर्चा से जुड़े पांच शिक्षाकर्मी संघों ने इस महापंचायत में 1 लाख से अधिक शिक्षाकर्मी जुटने का दावा किया था।

इस महापंचायत में मोर्चा के प्रदेश संयोजक वीरेन्द्र दुबे, केदार जैन, संजय शर्मा व चंद्रदेव राय ने प्रदेश की भाजपा सरकार जमकर हमला बोला। मोर्चा का आरोप है कि भाजपा ने अपने चुनावी घोषणा पत्र में संविलियन का वादा किया था। मुख्यमंत्री ने भी संविलियन करने की बात कही थी। इसके बाद भी सरकार संविलियन की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं कर रही है। जबकि पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश में शिक्षाकर्मियों के संविलियन की घोषणा कर दी गई है।

शिक्षाकर्मियों में इस बात को लेकर भी नाराजगी है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के निर्देश के बाद गठित हाईपावर कमेटी भी उनकी समस्याओं को दूर करने की जगह समय खराब करने में लगी है। पांच माह बाद भी कमेटी अब तक कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंच सकी है। जबकि मोर्चा ने देश के अन्य राज्यों में शिक्षाकर्मियों को मिलने वाली सुविधाओं के संबंध में सभी तथ्य पेश कर दिए हैं।

शिक्षाकर्मियों ने चेतावनी देते हुए कहा, कि इस बार सरकार के खिलाफ आर-पार की लड़ाई लड़ी जाएगी। गौरतलब है कि नवम्बर-दिसम्बर में विधानसभा चुनाव होने हैं। इस वजह से शिक्षाकर्मी भी सरकार पर अपनी मांगों के लिए दबाव बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।