
अगर आप भी इलाज में नहीं उठा पा रहे स्मार्ट कार्ड का लाभ, तो ये खबर हो सकती है फायदेमंद
रायपुर। राज्य सरकार द्वारा राज्य में निवासरत सभी परिवार के सदस्यों को 50 हजार रुपए तक का निशुल्क इलाज देने के लिए चलाई जा रही (Chief minister health insurance scheme) मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना (स्मार्ट कार्ड) पर बंद होने का खतरा मंडरा रहा है। इसका कारण छत्तीसगढ़ राज्य में बीमा कंपनियों द्वारा कार्य करने में रुचि न दिखाना है। सूत्रों की माने तो सरकार जिस बीमा कंपनी को योजना संचालन का टेंडर देती है वह या तो घाटे में रहती है या बीच में भाग जा रही है।
सितंबर 2019 से वर्तमान में योजना का संचालन कर रही रेलीगेयर बीमा कंपनी की समयावधि भी समाप्त हो रही है। ऐसे में आगे योजना संचालन के लिए कोई तैयारी न करने इसके भविष्य पर खतरा मंडराने लगा है। नई निविदा में क्या नियम बदले जाएंगे। क्या तैयारी की गई है। इसकी किसी को कोई जानकारी नहीं है। यहां तक की इस महत्वपूर्ण का भविष्य क्या होगा यह भी कोई कुछ नहीं बता पा रहा है।
स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ राज्य में लगभग 65 लाख परिवार स्मार्ट कार्ड योजना का लाभ ले रहे हैं। पिछले कुछ सालों के आकड़ों पर बात करें तो 2017-18 में यूनाइटेड इंश्योरेंश कंपनी ने इस योजना का टेंडर लिया था। शासन ने इसके लिए बीमा कंपनी को 800 रुपए प्रति कार्ड प्रीमियम दिया था। बीमा कंपनी को एक साल में फायदा तो दूर 50 प्रतिशत अधिक राशि का क्लेम पटाना पड़ा था। इसके बाद साल 2018-19 के लिए अधिक कंपनियों ने निविदा में भाग नहीं लिया।
Chhattisgarh Crime News: भाभी को घर में अकेला देख डोल गई देवर की नियत, रिस्तो को तार- तार कर खेल गया आबरू से...
रिलायंस ने टेंडर लिया भी तो काम शुरू करते ही हाथ खड़े कर दिए और शासन ने उसे ब्लैक लिस्ट कर दिया। वर्तमान में इस योजना का टेंडर रेलीगेयर कंपनी के पास है। इस कंपनी को शासन प्रति कार्ड पहले से अधिक 1100 रुपए का प्रीमियम दे रही है। इस कंपनी का कार्यकाल सितंबर 2019 में खत्म हो जाएगा। टेंडर की अवधि समाप्तर होने के लिए मात्र ढाई महीने शेष बचे हैं और आगे योजना चलेगी या नहीं इस निर्णय अभी संशय की स्थिति में है।
इंश्योंरेंस मॉडल है यह योजना
मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना एक इंश्योंरेंस मॉडल योजना है। शासन हर साल इस योजना के लिए निविदा जारी करती है। निविदा में जो बीमा कंपनी सबसे कम रेट डालती है उसे इस योजना के संचालन की जिम्मेदारी दी जाती है। यह योजना शुरूआती दौर में तो ठीक चली थी, लेकिन बाद में अस्पताल संचालकों द्वारा गलत तरीके से क्लेम लेने के चलते बीमा कंपनियां घाटे में चली गईं और इससे दूर भागने लगीं।
अगर बंद हो जाए कार्ड तो करें ये काम
अगर स्मार्ट कार्ड बंद हो जाए तो घबराने की बात नहीं है, उसे सरकारी अस्पताल के स्मार्ट कार्ड विभाग में जाकर आयुष्मान कार्ड में बदल सकते हैं। यह सुविधा प्राइवेट अस्पताल में भी उपलब्ध है। आयुष्मान योजना के तहत पांच लाख तक का हेल्थ इंश्योंरेंस केंद्र सरकार द्वारा दिया जा रहा है। यह भी बताया जा रहा है सितम्बर 2019 से प्रदेश सरकार नए स्वास्थ्य स्किम लागू करने वाली है
Updated on:
12 Jul 2019 09:06 pm
Published on:
12 Jul 2019 07:46 pm
बड़ी खबरें
View Allरायपुर
छत्तीसगढ़
ट्रेंडिंग
