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डोंगरगढ़ में बनेगा श्रीयंत्र के आकार का पिलग्रिम सेंटर, मिलेंगी विश्व स्तरीय पर्यटन सुविधाएं

- देश के पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा डोंगरगढ़- सीएम भूपेश बघेल - सीएम की केंद्रीय पर्यटन मंत्री से आग्रह- चंद्रगिरी तीर्थ को डोंगरगढ़ विकास परियोजना में करें शामिल

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रायपुर. मां बम्लेश्वरी धाम डोंगरगढ़ में प्रसाद योजना के अंतर्गत 43.33 करोड़ रुपए लागत से पर्यटन सुविधाओं को विकास किया जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (CM Bhupesh Baghel) और केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री प्रहलाद पटेल (Union Minister of Tourism and Culture Prahlad Patel) की वचुअल उपस्थिति में राज्य के पर्यटन मंत्री ताम्रध्वज साहू ने भूमिपूजन किया गया। इस मौके पर सीएम बघेल ने कहा कि डोंगरगढ़ विकास परियोजना के तहत होने वाले विकास कार्यों से यह स्थल पर्यटन नक्शे पर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल के रूप में उभरेगा। यह पर श्रीयंत्र के आकार में प्रिलग्रिम सेंटर का निर्माण होना है।

सीएम ने कहा कि परियोजना के पूर्ण होने पर डोंगरगढ़ आने वाले पर्यटकों को यहां विश्वस्तरीय सुविधाएं मिलेंगी। इससे क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। योजना में मां बम्लेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी और प्रज्ञा गिरी पहाड़ी को शामिल किया गया है। यहां चन्द्रगिरी में जैन तीर्थ भी है। सीएम ने केंद्रीय मंत्री से इस पहाड़ी को भी प्रसाद योजना में शामिल करने का आग्रह किया। ऐसा होने से डोंगरगढ़ जैन, बौद्ध और सनातन धर्म के केंद्र के रूप में उभरेगा। इस मौके पर रायपुर में संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, डोंगरगढ़ से सांसद संतोष पांडेय, पर्यटन विभाग सचिव अन्बलगन पी., छत्तीसगढ़ पर्यटन मंडल की प्रबंध संचालक रानू साहू भी मौजूद रहीं।

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अमरकंटक परिक्रमा का आधा हिस्सा आता है छत्तीसगढ़ में
मुख्यमंत्री ने केंद्रीय मंत्रीसे प्रशाद योजना के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की सीमा से लगे अमरकंटक की स्वीकृत विकास परियोजना में छत्तीसगढ़ के कबीर चबूतरा, राजमेरगढ़ और उस क्षेत्र के शिव मंदिरों को भी शामिल किए जाने का प्रस्ताव रखा। छत्तीसगढ़ से सबसे ज्यादा संख्या में पर्यटक अमरकंटक जाते है। नर्मदा परिक्रमा की भांति लोग अमरकंटक परिक्रमा भी करते है। अमरकंटक परिक्रमा का आधा क्षेत्र छत्तीसगढ़ में पड़ता है।

क्या कुछ होगा प्रिलग्रिम सेंटर में
श्रीयंत्र के आकार में निर्मित होने वाले यह भवन पूरे प्रोजेक्ट का विशेष आकर्षण होगा। मां बम्बलेश्वरी देवी मंदिर की पहाड़ी पर सीढिय़ों का जीर्णोद्धार, रेलिंग, शेड, पेयजल सुविधा, पगोडा, सोलर प्रकाशीकरण, पार्किंग, सीसीटीवी, तालाब का सौन्दर्यीकरण, बॉयो टॉयलेट, मेडिकल रूम और साईनेज बनाया जाएगा। प्रज्ञागिरी पहाड़ी पर ध्यान केंद्र, कैफेटेरिया, सीढिय़ों का जीर्णोद्धार, पेयजल, सोलर प्रकाशीकरण, साइनेज की सुविधाएं विकसित की जाएंगी।

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50 लाख श्रद्धालु पहुंचते हैं सालाना
मां बम्लेश्वरी के दर्शन करने हर साल यहां पर 50 लाख श्रद्धालु पहुंचे हैं।