28 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

MBBS Rules: राज्य सरकार ने 25 साल पुराने नियम में किया संशोधन, एमबीबीएस छात्र आएंगे एक साल वाले बांड के दायरे में

MBBS Rules: 2025 बैच में एडमिशन लेने वाले आएंगे। 2031 में पासआउट होने वाले ही एक साल की बांड सेवा में जाएंगे। दरअसल में एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने प्रवेश के संबंध में 25 साल पुराने नियम में महत्वपूर्ण बदलाव किया था।

2 min read
Google source verification

राज्य सरकार ने 25 साल पुराने नियम में किया संशोधन (Photo Patrika)

MBBS Rules: एमबीबीएस छात्रों को एक साल के बांड का लाभ लेने के लिए अभी इंतजार करना होगा। अभी अध्ययनरत विद्यार्थियों को इस नियम का लाभ नहीं मिल पाएगा, क्योंकि इसके दायरे में 2025 बैच में एडमिशन लेने वाले आएंगे। 2031 में पासआउट होने वाले ही एक साल की बांड सेवा में जाएंगे। दरअसल में एक दिन पहले ही राज्य सरकार ने प्रवेश के संबंध में 25 साल पुराने नियम में महत्वपूर्ण बदलाव किया था। इससे कई छात्रों व पालकों को लग रहा था कि अध्ययनरत विद्यार्थियों को भी नए नियम का लाभ मिलेगा, लेकिन ऐसा नहीं है।

‘पत्रिका’ के पास कुछ पालकों और छात्रों ने फोन करके यह जानना चाहा कि वह अभी अध्ययनरत हैं। ऐसे में क्या उन्हें भी एक वर्ष के बांड का लाभ मिलेगा। पत्रिका ने चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों से बात की तो पता चला कि यह नियम इस वर्ष प्रवेश लेने वालों के लिए होगा।

दो साल की ग्रामीण सेवा का था नियम

पिछले साल से बिना नियम बनाए दो साल के बांड में पोस्टिंग मेडिकल कॉलेजों में होती रही है। पहले जिला अस्पताल, सीएचसी व पीएचसी में पोस्टिंग होती थी। कुछ रसूखदार मेडिकल कॉलेज में पोस्टिंग करा लेते थे। पहले दो साल की ग्रामीण सेवा कहा जाता था, लेकिन पिछले साल से पोस्टिंग बदल गई है।

प्रदेश में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज

प्रदेश में 10 सरकारी मेडिकल कॉलेज हैं। इनमें 1430 सीटें हैं। हालांकि इस बार एमबीबीएस की 150 सीटें घट गई हैं, क्योंकि सीबीआई छापे के बाद रावतपुरा सरकार कॉलेज को जीरो ईयर घोषित कर दिया गया है।

ग्रामीण क्षेत्रों में थी डॉक्टरों की कमी

दो वर्ष का नियम लागू करने का उद्देश्य था कि ग्रामीण क्षेत्रों में डॉक्टर उपलब्ध हो सकें। पहले डॉक्टरों की कमी थी, लेकिन अब कॉलेजों की संख्या बढ़ने से यह समस्या नहीं है। इस कारण रोटेशन में डॉक्टर मिलते रहते हैं।