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Sunday Guest Editor: महिलाएं निडर होकर काम करेंगी, तभी आगे बढ़ पाएंगी

Sunday Guest Editor: रायपुर में राज्यसभा सांसद, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य फरसगांव की फूलोदेवी नेताम समय मिलने पर धान का रोपा भी लगाती हैं।

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महिलाएं निडर होकर काम करेंगी(photo-patrika)

महिलाएं निडर होकर काम करेंगी(photo-patrika)

Sunday Guest Editor: सरिता दुबे। छत्तीसगढ़ के रायपुर में राज्यसभा सांसद, महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष और कांग्रेस वर्किंग कमेटी की सदस्य फरसगांव की फूलोदेवी नेताम समय मिलने पर धान का रोपा भी लगाती हैं। यह वही सांसद हैं, जिन्होंने साल 2013 में हुए झीरमघाटी हत्याकांड में नक्सलियों से गोलीबारी बंद कराई थीं। उनकी इसी निडरता का अनुसरण कर प्रदेश की महिलाएं राजनीति में आगे आ रही हैं।

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Sunday Guest Editor: नक्सलियों से गोलीबारी बंद कराई थी

वे कहती हैं कि महिलाओं को निडरता के साथ हर काम को करना चाहिए। महिलाएं जब बिना डरे काम करती हैं तो वो हर जिम्मेदारी को बखूबी निभा सकती हैं। पंचायती राज में मिले आरक्षण के कारण महिलाओं के लिए राजनीति में आने के रास्ते आसान हुए हैं।

हमारे प्रदेश की ही बात करें तो आज बस्तर के साथ ही पूरे छत्तीसगढ़ में महिलाएं शिक्षा के साथ-साथ राजनीति में भी सक्रिय हैं। आज महिलाएं महुआ और इमली बीनने के साथ ही मार्केटिंग भी करने लगी हैं। स्व-सहायता समूहों के जरिए महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। गांव की महिलाएं अब उद्योगों को चला रही हैं।

किसानी भी करती हैं

साल 2013 में हुए झीरमघाटी हत्याकांड, जिसमें कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को नक्सलियों ने घेर कर मार दिया था। कांग्रेस के काफिले में शामिल फूलोदेवी नेताम के पैर में भी गोली लगी थी, लेकिन बड़ी निडरता के साथ आगे आकर नक्सलियों से गोलीबारी बंद कराई थी। आज भी वे महिलाओं को आगे बढ़ाने के लिए कार्य कर रही हैं। उनका अनुसरण करके ही कई महिलाएं राजनीति में आ रही हैं।

मुझे घर से पूरा सहयोग मिला। समय मिलता है तो खेतों में धान की रोपाई भी करती हूं। मैं महात्मा गांधी के बताए रास्ते पर चलती हूं। वो कहते थे कि हमें समाज के दबे-कुचले और असहाय लोगों के साथ खड़े होकर उन्हें समाज की मुख्यधारा के साथ जोड़ना होगा। सांसद नेताम ने बस्तर अंचल की कई महिलाओं को सामाजिक क्षेत्र में आगे बढ़ाने के साथ ही राजनीति में भी उनके लिए रास्ते खोले।

पहले महिलाएं पुरुषों के साथ उठती-बैठती नहीं थीं, लेकिन अब मौका मिलाहै तो वे आगे बढ़ रही हैं।

सोच: हालात जितने बुरे हों, आप यदि मजबूती से खड़े रहते हैं तो रास्ता आसान बन जाता है। sunday@in.patrika.com

फूलोेदेवी नेताम

राज्यसभा सांसद