मुझे गर्व महसूस हो रहा है और एक नई ऊर्जा मिली है, जिससे मैं आगे और बेहतर करने के लिए प्रेरित हो रही हूं। यह कहा राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार के लिए चुनी गईं के. शारदा ने।
(Teachers Day 2024) वे शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला खेदामारा, विकासखण्ड व जिला दुर्ग में पदस्थ हैं।मंगलवार सुबह उन्होंने परिवार के साथ फ्लाइट से दिल्ली जाते वक्त पत्रिका से खास बातचीत की।
Teachers Day 2024: आपकी दिव्यांगता ने आपके जीवन और शिक्षा में कैसे प्रभाव डाला है?
मेरी दिव्यांगता ने मेरे जीवन और शिक्षा में अनेक चुनौतियों का सामना करने का अवसर दिया। हालांकि, मैंने इन चुनौतियों को अपनी ताकत में बदलने का प्रयास किया। मेरे पास जो सीमित साधन थे, उन्हें मैंने अपनी मेहनत और धैर्य के साथ पार किया। यही दिव्यांगता ने मुझे और अधिक संघर्षशील और मजबूत बनाया। आप कैसे शिक्षा के क्षेत्र में आईं और कैसे प्रेरित हुईं?
मेरे माता-पिता ने हमेशा शिक्षा का महत्व समझाया, भले ही उनकी अपनी शिक्षा सीमित थी। मेरी इच्छा थी कि मैं कुछ ऐसा करूं जिससे समाज में योगदान दे सकूं। शिक्षा के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का विचार मुझे प्रेरित करता है। मुझे विश्वास है कि शिक्षा ही वह साधन है जिससे हम न केवल अपना बल्कि समाज का भी विकास कर सकते हैं।
आपके शिक्षण में क्या विशेष है जो आपको अन्य शिक्षकों से अलग बनाता है?
मेरे शिक्षण में व्यावहारिकता और नवाचार पर अधिक जोर है। मैंने हमेशा प्रयास किया है कि छात्रों को केवल पाठ्यक्रम तक सीमित न रखते हुए उन्हें जीवन के वास्तविक अनुभवों से जोड़ सकूं। अपना खुद की वेबसाइट kodasharda नाम से बनाई है जिसमें एजुकेशनल ब्लॉक और एजुकेशनल वीडियोज हैं। इसमें मैंने कंटेंट, अरगुमेंटेड रियलिटी, कार्टून वीडियो, ऑडियोबुक्स का निर्माण किया है।
(Teachers Day 2024) मैंने डिजिटल कंटेंट तैयार किया और कोविड-19 के दौरान मोहल्ला क्लासेस के माध्यम से छात्रों को शिक्षा देने का प्रयास किया। मेरे पास एक विशिष्ट दृष्टिकोण है जो छात्रों की जरूरतों को समझकर उन पर काम करता है। मैंने 20 बुक्स भी लिखी है।
आप अपने छात्रों को क्या संदेश देना चाहती हैं?
मेरे छात्रों के लिए मेरा संदेश यह है कि कभी हार न मानें। कठिनाइयां आएंगी, लेकिन उन्हें आपकी सफलता के मार्ग में रुकावट नहीं बनने दें। अपने लक्ष्य पर ध्यान केंद्रित करें और दृढ़ता के साथ आगे बढ़ते रहें। मेहनत और ईमानदारी से किया गया काम कभी व्यर्थ नहीं जाता।
आपके लिए टीचर्स डे का क्या अर्थ है और आप इस दिन को कैसे मनाएंगी?
टीचर्स डे मेरे लिए उन सभी शिक्षकों को समर्पित है जिन्होंने मुझे इस स्थान तक पहुंचाने में सहायता की है। यह दिन मेरे लिए अपने कार्यों का पुनर्मूल्यांकन करने और अपने छात्रों के प्रति अपनी जिम्मेदारियों को और अधिक समझने का समय है। मैं इस दिन को अपने छात्रों के साथ साझा करके और नए उद्देश्यों को निर्धारित करके मनाती हूं। आपकी भविष्य की योजनाएं क्या हैं? और आप शिक्षा के क्षेत्र में क्या योगदान करना चाहती हैं?
Teachers Day 2024: मेरी भविष्य की योजनाओं में दिव्यांगता के प्रति समाज में जागरूकता फैलाना और शिक्षा के माध्यम से उनका सशक्तिकरण करना शामिल है। (Teachers Day 2024) मैं एक पुस्तक लिखी है जो पुस्तक ‘दिव्यांगता: चुनौतियों से अवसर तक’ का उद्देश्य दिव्यांग व्यक्तियों को सशक्त बनाना और समाज में उनके प्रति जागरूकता फैलाना है।
इसमें दिव्यांगता से जुड़े अधिकारों, सरकारी योजनाओं की जानकारी और प्रेरणादायक कहानियां शामिल होंगी, ताकि दिव्यांग लोग अपनी चुनौतियों को अवसर में बदल सकें। मैं डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में और अधिक योगदान देना चाहती हूं ताकि सभी छात्र लाभान्वित हो सकें।