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Bhilai Maitribagh: सिंघम भिलाई को दे रहा 20 लाख का राजस्व, हर दिन पहुंच रहे 5 हजार पर्यटक…

Bhilai News: मैत्रीबाग से अब तक 12 सफेद बाघ को 5 चिडिय़ाघरों को दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी 8 सफेद बाघ मैत्रीबाग में हैं। सिंघम हर माह करीब 20 लाख रुपए का राजस्व प्रबंधन को दे रहा है।

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भिलाई

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Love Sonkar

Sep 04, 2024

Bhilai news cg news

Bhilai News अब्दुल सलाम: सिंघम (सफेद बाघ) भिलाई में मैत्रीबाग की शान बना हुआ है। बाड़े में वह शान से दहाड़ मारता घूमता है। सिंघम को देखने के लिए देशभर से पर्यटक आते हैं। सिंघम तरुण व ताप्ती कुनबे की छठवीं पीढ़ी का नेतृत्व कर रहा है। सिंघम हर माह करीब 20 लाख रुपए का राजस्व प्रबंधन को दे रहा है। उसे देखने हर दिन करीब 5 हजार पर्यटक पहुंचते हैं।

यह भी पढ़ें: White tiger In cg: भिलाई के मैत्रीबाग में सबसे अधिक सफेद बाघ, सालभर में 5 शावकों ने लिया जन्म

सिंघम के बाड़े को पूरी तरह किया गया क्लीन

मैत्रीबाग में ओडिशा, भुवनेश्वर के नंदन कानन जू से सफेद टाइगर तरुण व ताप्ती के जोड़े को 1997 में लाया गया था। 1998 में इस जोड़े ने दो शावकों को जन्म दिया। तापसी और तरूण के शावकों को बोकारो, चिडिय़ाघर भेजा गया था। सिंघम उसकी छठवीं पीढ़ी में से है। इसके बाद सातवीं पीढ़ी भी मैत्रीबाग में कदम रख चुकी है। पर्यटकों के लिए वह आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। मैत्रीबाग प्रबंधन भी सिंघम के बाड़े को क्लीन करने के लिए कर्मियों को लगा रखा है। इस बाड़े में बांस का जंगल है, जिसके इर्द-गिर्द ही सिंघम घूमता रहता है।

6 चिडिय़ाघरों को दिए हैं सफेद बाघ

बेहतर ब्रीडिंग की वजह से सफेद बाघ की संख्या 2 से बढ़कर 22 तक पहुंची गई। इसके बाद देश के अलग-अलग करीब आधा दर्जन जू में सफेद बाघ को एक्सचेंज में दिया गया। मैत्रीबाग से अब तक 12 सफेद बाघ को 5 चिडिय़ाघरों को दिए जा चुके हैं। इसके बाद भी 8 सफेद बाघ मैत्रीबाग में हैं। इसमें तीन शावक अब धीरे-धीरे बड़े हो रहे हैं। सुल्तान के बाद सिंघम सबसे अधिक चर्चा में रहा है।

सिंघम को देखने हर माह आते हैं 1 लाख पर्यटक

मैत्रीबाग में हर साल 12 लाख से अधिक पर्यटक आते हैं। सबसे अधिक पर्यटक महाराष्ट्र से आते हैं। वर्तमान में इन पर्यटकों की पहली पसंद सफेद बाघ सिंघम है। मैत्रीबाग जू में इस वक्त 2 मादा और 6 नर सफेद बाघ मौजूद हैं। यहां आने वाले पर्यटकों से टिकट के रूप 20 रुपए लिया जाता है।

मैत्रीबाग में तरुण-ताप्सी की सातवीं पीढ़ी जीत रही पर्यटकों का दिल

  • 2012 में बोकारो जू को एक जोड़ी दिए व्हाइट टाइगर।
  • 2014 में राजकोट जू को 1 पेयर व्हाइट टाइगर भेजे
  • 2014 को लखनऊ जू को एक व्हाइट टाइगर दिए।
  • 2014 में इंदौर जू को एक व्हाइट टाइगर दिए।
  • 2015 को रीवा जू को व्हाइट टाइगर दिए।
  • 2018 रीवा के मुकुंद पुर जू को अप्रैल में सफेद बाघ का जोड़ा दिया।
  • 2024 जंगल सफारी रायपुर को दिया सफेद बाघिन रक्षा।