
57 बैंक खातों में छत्तीसगढ़ से पाकिस्तान भेजा जा रहा था आतंक फ़ैलाने के लिए पैसा
रायपुर. टेरर फंडिंग के इस खेल की भनक सुरक्षा एजेंसियों को काफी पहले लग गई थी। कुछ आतंकी घटनाओं की जांच के बाद फंडिंग के इस खेल खुलासा हुआ। इसकी शिकायत इडी तक भी पहुंची। इसके बाद बैंक ने धीरज के खाते बंद कर दिए गए थे। कुछ दिन बाद जब मामला शांत हुआ तो धीरज ने नया खाता खोला। इसके बाद नए सिरे से टेरर फंडिंग की जाने लगी।
मूलत: बिहार के जमुई निवासी धीरज साव की बातचीत पाकिस्तान के आतंकी मो. खालिद से होती थी। उन्हें अलग-अलग शहरों में इंडियन मुजाहिद्दीन (आइएम) और सिमी नेटवर्क बढ़ाने की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। धीरज के एक दर्जन के अधिक राष्ट्रीयकृत और निजी बैंकों में 57 बैंक खाते पाए गए। धीरज की गिरफ्तारी 2013-14 में हुई थी, जिसके बाद एंटी टेररिस्ट स्क्वॉड (एटीएस) के सामने उसने यह बात कबूल की थी।
खालिद के पास कई मोबाइल, होगा ट्रेस इडी ने इस मामले में पाकिस्तान के मो. खालिद के खिलाफ केस तो दर्ज कर लिया है, लेकिन अब उस तक पहुंचना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। धीरज की बात 923326704863 मोबाइल नंबर से होती थी, उसकी ट्रैसिंग के लिए इंटेलिजेंस की मदद ली जाएगी। इडी की चार्जशीट के मुताबिक यह नंबर खालिद का है।
चिकन ठेला लगाने वाले धीरज ने अपने रिश्तेदार श्रवण को भी इसमें शामिल किया। बैंक की रायपुर ब्रांच में पहला खाता खोला गया। इस खाते में जमा करवाए गए 3 लाख रुपए। इस रकम का 13 फीसद हिस्सा छोड़ कर बाकी पैसे अलग-अलग तारीखों में मंगलौर के जुबैर हुसैन के खाता नंबर 001405500086 व आयशा बानो के खाता नंबर 18801004581 और राजू खान के खाते में ट्रांसफर करने का आदेश दिया गया। इडी की चार्जशीट के मुताबिक आयशा बानो और राजू खान दोनों इंडियन मुजाहिद्दीन के सदस्य़ हैं।
आतंक को फंड करने के इरादे से अगला बैंक खाता जमुई में खुलवाया गया। खाता नंबर 197601500550 में कई दफा पैसे डाले गए। इस नए खाते से भी मंगलौर के जुबैर हुसैन के खाते में 50 हजार से डेढ़ लाख तक रुपए ट्रांसफर किए गए। इडी के मुताबिक इस काम में हरियाणा का एक और ठेला मालिक प्रदीप शामिल था। जांच में पता चला कि धीरज का संबंध पटना ब्लास्ट के बाद लखीसराय से पकड़े गए विकास, पवन, गोपाल और गणेश से है।
किराए के घर में रहता था धीरज पुलिस के मुताबिक आज से 6-7 साल पहले धीरज राजधानी के खमतराई इलाके में वालिया कॉम्पलेक्स के करीब ट्रांसपोर्ट नगर में किराए के मकान में रहता था। उनका पूरा परिवार बिहार में है। धीरज 4-5 दोस्तों के साथ किराए के मकान में रहता था। अब यह मकान खाली हो चुका है। यही चिकन ठेला लगाने के दौरान उसका संपर्क आतंकवादियों के एजेंटों से हुई।
Published on:
02 Jul 2018 12:38 pm
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