
रायपुर . राजधानी स्थित डॉ. भीमराव अंबेडकर अस्पताल को भले ही राज्य शासन ने प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल का तमगा दिया, हो लेकिन यहां इलाज के मामले में मरीजों को घंटों मुसीबत झेलनी पड़ती है। अस्पताल में आए दिन कोई न कोई समस्या बनी रहती है। शुक्रवार को जैसे ही ओपीडी शुरू हुई, वैसे भी पूरे अस्पताल की बिजली गुल हो गई।
रेडियोलॉजी, कैसर डिपार्टमेंट, गायनी, अस्थि रोग सहित अधिकांश वार्डों में अंधेरा छाया रहा। रेडियोलॉजी विभाग में तो अजीब स्थिति निर्मित हो गई थी। बिजली गुल होने के समय कोई मरीज सोनोग्राफी कर रहा था, तो कोई एक्स-रे तो किसी की एमआईआर की जा रही थी। वहीं कुछ डॉक्टर किसी की रिपोर्ट देख रहे थे, तो कोई डॉक्टर बिजली की रोशनी में मरीजों का इलाज कर रहे थे।
जैसे ही बिजली गुल हुई, तो एक्स-रे, एमआईआर और सोनोग्राफी करा रहे मरीज एकदम से उठकर बैठ गए कि क्या हो गया। अस्पताल के डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ को लगा कि पांच- दस मिनट में बिजली आ जाएगी। लेकिन जब एक घंटे तक बिजली नहीं आई, तो हडक़ंप मच गया। अस्पताल के बिजली और मेकनिकल उपकरणों की देखरेख करने वाले पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों को फोन कर बुलाया गया, तो पता चला कि बिजली उपकरण एससीबी खराब हो गया है। जिससे बदलने में विभाग के कर्मचारियों को एक घंटा लग गया। इस तरह अस्पताल में करीब दो घंटे बाद बिजली आई, तब जाकर मरीज, डॉक्टर, नर्स और अन्य स्टाफ ने राहत की सांस ली।
वैकल्पिक व्यवस्था भी फैल: अंबेडकर अस्पताल में अचानक बिजली गुल होने पर वैकल्पिक व्यवस्था के लिए अस्पताल प्रबंधन ने 8 जनरेटर और अस्पताल की छत पर सोलर पैनल भी लगा रखा है। इसके बावजूद बिजली गुल होने पर इन वैकल्पिक व्यवस्था का उपयोग नहीं किया। क्योंकि इसका उपयोग सिर्फ बल्ब और पंखे के चलाने के लिए कनेक्ट कर रखा है।
बिजली गुल होने के बाद सिर्फ लाइट और पंखे ही चल रहे थे। इसके अलावा न तो ओपीडी की पर्ची बन रही थी और न ही मरीजों के सोनोग्राफी, एक्स-रे मशीन और न ही एमआईआरी मशीन चल रही थी। बर्न और सर्जरी विभाग की मशीन चालू थी: जितने समय तक अस्पताल में बिजली गुल रही, उतने समय तक अस्पताल की वैकल्पिक व्यवस्था जनरेटर से बर्न यूनिट और सर्जरी विभाग के वार्ड की मशीनें ही चालू थी। बाकी विभागों की मशीनें बंद पड़ी हुई थी।
अंबेडकर अस्पताल की पीआरओ शुभ्रा सिंह ने कहा अस्पताल में बिजली सप्लाई की एमसीबी में खराबी आई थी। जिस कारण से बिजली गुल रही। बिजली और पंखे चालू थे। मशीनें बंद थी। वैकल्पिक व्यवस्था में सिर्फ बिजली और पंखे को ही पीडब्ल्यूडी के कर्मचारियों ने कनेक्ट कि या है। पीडब्ल्यूडी के कर्मचारी को तत्काल बुलाकर एमसीबी को दुरुस्त कराया। इसके बाद बिजली सप्लाई बहाल हुई।
सेंट्रल डिवीजन विद्युत वितरण कंपनी के एक्जीक्यूटिव इंजिनीयर महावीर विश्वकर्मा ने बताया शुक्रवार को फीडर से बिजली सप्लाई कभी बंद नहीं की गई। अस्पताल के अंदर ही बिजली उपकरण में कोई खराबी से बिजली गुल रही होगी।
वैकल्पिक व्यवस्था के लिए संसाधन कुल आठ जनरेटर
15 किलोवाट के 02
20 किलोवाट के 02
62 किलोवाट के 01
82 किलोवाट के 01
100 किलोवाट के 01
125 किलोवाट के 01

Published on:
24 Mar 2018 09:35 am
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