
Vegetable Price Hike : ट्रक वालों की हड़ताल खत्म हो गई है। मंडियों में सब्जियों की पर्याप्त आवक है। लेकिन, छोटे बाजारों और गली-मोहल्लों के फेरी वालों से सब्जी के रेट सुनकर चौक जाएंगे। वो इसलिए क्योंकि मंडियों में तो सब्जियों के रेट कंट्रोल हुए हैं। लेकिन, बाहर की हालत आउट ऑफ कंट्रोल है। अलग-अलग इलाकों में सजने वाले बाजारों में अब भी सब्जियां काफी महंगे दामों पर बेची जा रहीं हैं। मंडी में टमाटर जहां 200 रुपए कैरेट पर आ गया है, वहीं चिल्हर में टमाटर अब भी 25 से 30 रुपए किलो पर बेचा जा रहा है।
बढ़े हुए दामों के हिसाब से टमाटर सबसे ज्यादा लाल है। अदरक, धनिया, पत्ता और फूल गोभी की कीमतें भी आसमान छू रहीं हैं। फर धनिया तो 80 रुपए किलो तक बिक रहा है। जबकि, मंडियों में इसकी कीमत 50 रुपए किलो तक पहुंच गई है। जानकारों की मानें तो मौके का फायदा उठाने के लिए ऐसी स्थिति जानबूझकर निर्मित की जा रही है। ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए लोगों को ट्रक ड्राइवरों की हड़ताल के नाम पर गुमराह किया जा रहा है। जबकि, स्थिति अब पूरी तरह से सामान्य हो चुकी है।
इधर... अनाज में मिली राहत चावल, आटा, दाल अब सस्ता
रसोई के लिए नया साल खुशखबरी लेकर आया। वो ऐसे कि दिसंबर की पहली तारीख के मुकाबले नए साल की पहली तारीख तक चावल, दाल आटा समेत कई खाद्य पदार्थों के दाम गिर चुके हैं। सरसों तेल, रिफाइंड आदि के दामों में गिरावट दर्ज की गई है। उम्मीद की जा रही है कि लोकसभा चुनावों तक खाद्य पदार्थों की कीमतें स्थिर रहेंगी या मामूली गिरावट दर्ज की जा सकती है। खाद्य पदार्थों की कीमतों में उछाल के फिलहाल कोई संकेत नहीं हैं।
Updated on:
05 Jan 2024 10:01 am
Published on:
05 Jan 2024 09:55 am
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