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मानसून में सब्जियों ने दिखाए तेवर! 30 फीसदी तक कीमतों में हुआ इजाफा, जानें मिर्ची-टमाटर के भाव

Vegetables Price Hike: तेज बारिश के शुरू होते ही नदी-नालों में उफान और बाढ़ की स्थिति निर्मित होते ही कीमतें और बढ़ेंगी। खास तौर पर हरी सब्जियों और आलू, प्याज और धनिया पर प्रभाव पडे़गा।

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सब्जियों के बढ़े दाम (Photo source- Patrika)

सब्जियों के बढ़े दाम (Photo source- Patrika)

Vegetables Price Hike: देशभर में मानसून और प्री मानसून के चलते हरी सब्जियों के दामों में 25 से 30 फीसदी तक कीमतों में इजाफा हु्आ है। लगातार बारिश और धूप निकलने के कारण सब्जियों को खासा नुकसान होने से लोकल आवक प्रभावित हुई है। हालांकि बाजार में दूसरे राज्यों से रोजाना 22-25 ट्रक सब्जी की आवक हो रही है।

Vegetables Price Hike: 75 फीसदी सब्जी बाहरी आवक के भरोसे चल रही

कर्नाटक, ओडिशा, और मध्यप्रदेश से टमाटर, शिमला मिर्ची, फूल गोभी, पत्ता गोभी, बीट, बीन्स, खेक्सी( काटोल) और अन्य सब्जियां आ रही हैं। सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि इस समय बाजार में 75 फीसदी सब्जी बाहरी आवक के भरोसे चल रही है।

तेज बारिश के शुरू होते ही नदी-नालों में उफान और बाढ़ की स्थिति निर्मित होते ही कीमतें और बढ़ेंगी। खास तौर पर हरी सब्जियों और आलू, प्याज और धनिया पर प्रभाव पडे़गा। (Vegetables Price Hike) बता दें कि टमाटर अच्छी क्वालिटी का थोक में 400 से 450 रुपए कैरेट और चिल्लर में 25-30 रुपए किलो में मिल रहा है। वहीं गोभी, पत्ता गोभी से लेकर खेक्सी, तोरई, शिमला मिर्ची 50 से लेकर 80 रुपए प्रति किलो है।

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आलू और प्याज की कीमतें बारिश और गर्मी को देखते हुए कम हुई हैं लेकिन, इसकी कीमतों में 15 दिन के बाद जमकर उछाल आने की संभावना जताई जा रही है। )(Vegetables Price Hike) थोक फल सब्जी विक्रेता संघ अध्यक्ष टी श्रीनिवास रेड्डी ने बताया कि बाजार बाहरी आवक से भरोसे चल रहा है। इसके कारण कीमतें ज्यादा हैं।

मेथी, कुलथी और कांदा भाजी हुई गायब

Vegetables Price Hike: बारिश और तेज धूप के चलते पालक, लाल, चौलाई, प्याज, मेथी, कुलथी और कांदा भाजी बाजार से गायब हो गई है। अच्छी क्वालिटी और सीमित मात्रा में आने से कीमतें ज्यादा है। हालांकि चरोटा, करमता, खेड़ा और कुछ बरसाती भाजी की स्थानीय स्तर पर भरपूर आवक हो रही है। इसी तरह ढेस, भिड़ी, ग्वार, बरबट्टी के भरोसे बाजार चल रहा है।