
मनरेगा से बनी जल संरचनाओं में सालभर भरा रहेगा पानी, चलेगा विशेष अभियान
रायपुर. रायपुर संभाग के कमिश्नर जीआर चुरेन्द्र ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना के तहत बने जल संरचनाओं में पानी की उपलब्धता बनाए रखने के लिए विशेष अभियान चलाने पर जोर दिया है। इसके लिए संभाग के सभी जिलों के कलक्टरों और जिला पंचायतों के सीईओ को अभियान का खाका खींचने के निर्देश दिए गए हैं।
गौरतलब है कि पत्रिका मेंं ‘तालाब मांगे पानी’ अभियान के जरिए जल संरचनाओं तक पानी पहुंचने के परंपरागत रास्तों के अवरूद्ध होने के मुद्दे को उठाया गया। इसके बाद कमिश्नर ने सरकारी स्तर पर इसके लिए अभियान चलाने की रूपरेखा तय की है। इसके अलावा नाली निर्माण, स्वच्छता अभियान, बाड़ी विकास कार्यक्रम के साथ ही शैक्षणिक संस्थाओं एवं आश्रम छात्रावास परिसरों में कुआं आदि के निर्माण के लिए अधिकारियों को पत्र भेजा गया है।
कमिश्नर ने कहा है कि ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लघु व मध्यम तालाब-जलाशय, बड़े तालाब, मध्यम तालाब, छोटे तालाब, एनीकट टारबांध, डबरी आदि में पानी भरने के जो परम्परागत रास्ते हैं, वे बाधित हो गए हैं। इससे बरसात में जलभराव नहीं हो रहा है। इसके कारण गर्मियों के दिनों में आमजन के निस्तारी के साथ ही मवेशियों को पीने के लिए पानी उपलब्ध नहीं हो पाता।
संभाग कमिश्नर ने कहा, शहर व गावों के तालाबों, डबरी, एनीकट, स्टापडेम आदि में वर्षभर जलस्त्रोत का ठहराव रहे, इसके लिए इन जल संरचनाओं में पानी बहकर आने वाले रास्तों के अवरोधों को हटाया जाए। इसके लिए ग्राम पंचायत, ग्रामसभा, नगरीय निकायों में प्रस्ताव पारित कर आवश्यक कार्यवाही की जाए। जल संरचनाओं में अतिरिक्त पानी के बहाव के लिए एक्साइड वेस्टवीयर बनाया जाए, ताकि तालाब की क्षमता तक पानी भरने के बाद शेष पानी आस-पास के किसानों के खेतों में सिंचाई के रूप में उपयोग हो सके।
कमिश्नर ने यह भी कहा है कि विद्यालयों एवं आश्रम या छात्रावासों में निर्मित किए गए शौचालयों में साल भर जल की वैकल्पिक व्यवस्था रहे, इसलिए ट्यूबवेल, हैंडपंप के साथ-साथ परिसर में एक कुआं या डबरी का निर्माण किया जाए। कुएं को लोहे की जाली से कवर किया जाएगा। डबरी को चारों ओर से फेंसिंग की जाएगी। ताकि कोई दुर्घटना न हो सके।
Published on:
24 Sept 2018 10:08 am
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