
रायपुर। क्या आपके दिमाग में कोई विचार आते ही आप लगातार उस चीज के बारे में सोचते हुए, अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाते रहते हैं। विचार बहुत ही गहरे होते जाते हैं और आप उससे रिलेटेड परिणाम, घटनाओ और संभावनाओं के बारे में सोचना शुरू कर देते हैं। इसे ही ओवरथिंकिंग करते हैं। बार-बार सोचना और चिंता करना एक बीमारी हो सकती है। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। ऐसा करने से मानसिक सेहत काफी प्रभावित हो सकती है और साथ में शारीरिक सेहत से जुड़े लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं। अगर यह ख्याल आना अभी अभी शुरू हो रहे हैं तो इनको शुरू से ही ट्रीट करना शुरू रहता है नहीं तो यह दिमाग पर गहरा प्रभाव डाल सकते हैं। इससे पहले यह आपकी जिंदगी में दखलंदाजी करना शुरू करें, जल्द से जल्द इसका समाधान निकालना जरूरी होता है। आइए जानते हैं कैसे यह बीमारी जीवन को प्रभावित करती है।
ओवरथिंकिंग का दुष्प्रभाव
ऐसे बचे overthinking से
किसी भी बात पर तुंरत रिएक्ट करने से बचें, कोई भी बात जिससे आपको गुस्सा या दुख पहुंचता हो, उसपर तुंरत रिएक्ट करने से बचें। ऐसे में घर से बाहर निकलें या तुरंत किसी और काम में अपना दिमाग लगा दें। साइकिल चलाने या बाहर यूं ही टहलने निकल जाएं।
सांस लें और ध्यान लगाएं
आप दुनिया की हर चीज को नियंत्रित नहीं कर सकते, ऐसे में अगर आप योग और एक्सरसाइज को दैनिक रूप से करें, तो यह आपके मस्तिष्क की अव्यवस्था को साफ कर सकता है।
अकेले न रहे और दोस्तों से बात करें
खुद को अकेले छोड़ना ओवरथिंकिंग को ट्रिगर करता है। ऐसे में खुद को अकेले मत छोड़िए। आपको जब भी लगे कि आप ज्यादा सोच रहे हैं, तो उस अकेली जगह को छोड़े और दोस्तों के बीच चलें जाएं। अपने परिवार और दोस्तों के पास जाएं
अपनी उपलब्धियों के बारे में सोचें
ऐसे में एक पल के लिए सोचें कि आपने अपने जीवन में क्या हासिल किया है। मामूली उपलब्धियां हो सकती हैं, लेकिन आपके पास शायद एक भूमिका थी। आपको यह जानकर आश्चर्य हो सकता है कि आप इस समय जो भी आपके मन को भटका रहे हैं, उससे अधिक आप मजबूत और सक्षम हैं।
खुद को माफ करें और गलतियों को भूलें
जीवन में हर किसी से कोई न कोई गलती होती ही है। ऐसे में आपको इन चीजों को भूलकर आगे बढ़ना चाहिए। दूसरों को माफ करने के लिए जरुरी है, पहले खुद सभी चीजों को आसान बनाकर देखें और गलतियां भूल जाएं।
Published on:
30 Jun 2022 06:15 pm
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