
CORONA VACCINE : क्या रूसी वैक्सीन ‘स्पूतनिक-वी’ के लिए भ्रम फैला रहे हैं यूरोपीय देश ?
रायपुर. छत्तीसगढ़ कोरोना (Corona Vaccination in Chhattisgarh) के खिलाफ जंग में आधी आबादी यानी महिलाओं की भूमिका किसी मायने में पुरुषों से कम नहीं है। टीकाकरण के इस दौर में प्रथम चरण में जहां हेल्थ केयर वर्कर और द्वितीय चरण में फ्रंट लाइन वर्कर का टीकाकरण किया गया, वहीं तृतीय चरण में 60 वर्ष से अधिक आयु के वरिष्ठ नागरिकों और 45 से 59 वर्ष के उन लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है जो किसी अन्य बीमारियों से पीड़ित हैं। आंकड़ों पर नजर डालें तो अब तक प्रदेश में जहां 2 लाख 54 हजार 565 पुरुषों का टीकाकरण हुआ, वहीं 2 लाख 59 हजार 489 महिलाएं टीका लगवा चुकी हैं। देश में भी पुरुषों से ज्यादा महिलाओं ने वैक्सीन पर भरोसा जताया।
कोरोना की शुरुआत से ही महिला स्टाफ सेवाएं दे रही हैं। सैंपलिंग, टेस्टिंग, कोविड19 हॉस्पिटल और कोरोना केयर सेंटर में महिला स्टाफ कदम से कदम मिलाकर काम कर रही हैं। फिर चाहे वे डॉक्टर हों, नर्स हों या फिर सफाईकर्मी। वर्तमान में कोरोना टीकाकरण के इस दौर में पुरुषों की अपेक्षा महिला स्टाफ टीके लगाने का जिम्मा दिया गया है। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के मुताबिक 700 से अधिक महिला वैक्सीनेटर पूरे प्रदेश में टीके लगा रही है। बच्चों के नियमित टीकाकरण अभियान में 5000 से अधिक एएनएम जुटी हैं। प्रदेश में 50.47 प्रतिशत महिलाएं टीका लगवा चुकी हैं।
89.55 हेल्थ केयर वर्कर्स को लगे टीके
जबकि प्रदेश में सबसे पहले हेल्थ केयर वर्कर्स को 16 जनवरी से टीके लगने शुरू हुए थे। प्रदेश में अब तक 89.55 प्रतिशत वर्कर्स को टीके लग चुके हैं। राज्य में 2,75,036 हेल्थ केयर वर्कर्स ने पंजीयन करवाया था, जिनमें से 2,46,302 टीके की पहली डोज लगवा चुके हैं। वहीं 43.08 प्रतिशत ने दूसरी डोज भी लगवा ली है। 76.94 फ्रंट लाइन वॉरियर्स को पहला डोज भी लग चुका है। सेकंड डोज भी लगनी शुरू हो चुकी है। ये आंकड़े अच्छे माना जा सकते हैं।
Published on:
08 Mar 2021 02:49 pm
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