
सीएम राइज निगल रहे खेल मैदान
रायसेन. खेल प्रतिभाओं को तराशने और तलाशने के लिए सरकार कई योजनाएं चला रही है। खेलो इंडिया सहित स्कूल स्तर पर खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है, लेकिन खेल प्रतिभाओं को अभ्यास के लिए मैदान जैसी सुविधा के बारे में कोई विचार नहीं किया जा रहा है, बल्कि पहले से उपलब्ध मैदानों को भी अब खत्म कर भवन खड़े किए जा रहे हैं। ऐसे में स्कूली स्तर पर अपने खेल को निखारने के लिए भी खिलाडिय़ों के पास कोई विकल्प नहीं है।
जिले के 185 हाई और हायर सेकंडरी स्कूलों में से मात्र 24 स्कूलों में ही छोटे खेल मैदान हैं। वो भी कहीं अतिक्रमण तो कहीं ऊबड़-खाबड़ होने से उपयोग के काबिल नहीं हैं। बची कसर सीएम राइज योजना पूरी कर रही है, जिसके तहत जिले में आठ भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी भवन स्कूलों के खेल मैदानों पर ही बनाए जा रहे हैं। जिले में सातों विकासखंड मुख्यालयों और एक जिला मुख्यालय पर सीएम राइज स्कूल के लिए भवनों का निर्माण किया जा रहा है। ये सभी भवन संबंधित स्कूल के खेल मैदान पर ही बनाए जा रहे हैं। हालात ये हैं कि इन स्कूलों में खेलने के लिए तो क्या घूमने फिरने के लिए भी जगह नहीं बच रही है। उत्कृष्ट स्कूलों के अलावा जिन स्कूलों में खेल के मैदान हैं, वो भी इतने बड़े नहीं कि दो टीमें एक साथ मैदानी खेल का अभ्यास कर सकें।
बेगमगंज में हुआ था विरोध
बेगमगंज के उत्कृष्ट (सीएम राइज) स्कूल मैदान पर भवन निर्माण के लिए नापतौल शुरू होते ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया था। यहां के खिलाडिय़ों ने कई दिन तक विरोध प्रदर्शन, ज्ञापन दिए, लेकिन मैदान पर भवन का निर्माण नहीं रुकवा सके।
मैदान न खेल प्रशिक्षक
जिले के स्कूलों में खेल मैदानों की कमी तो है ही, साथ ही खेल प्रशिक्षकों की भी कमी है। 185 स्कूलों के लिए मात्र 15 खेल शिक्षक हैं। ऐसे में स्कूली विद्यार्थियों के खेल और प्रतिभा के साथ अन्याय को समझा जा सकता है। जिन सीएम राइज स्कूलों को तमाम वादों और तामझाम के साथ शुरू करने की बात कही जा रही थी, उन स्कूलों में भी खेल शिक्षक नहीं हैं। जिले के आठ सीएम राइज स्कूलों में से मात्र तीन में ही खेल प्रशिक्षकों को नियुक्त किया गया है। जबकि इन स्कूलों में तीन-तीन खेल शिक्षकों की नियुक्ति का दावा किया गया था।
खेल प्रतिभाओं की कमी नहीं
जिले में खेल प्रतिभाओं की कतार लगी है। हॉकी के कई खिलाड़ी राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। खो-खो, कबड्डी, तैराकी, बेडमिंटन, क्रिकेट, ताइक्वांडो जैसे खेलों में जिले के युवा धूम मचा रहे हैं। इनकी ये उपलब्धियां उनकी खुद की क्षमता और संघर्ष का परिणाम हैं।
इन दो सेंटरों से निकल रहे खिलाड़ी
मंडीदीप के खेलो इंडिया सेंटर से हॉकी की नई-नई प्रतिभाएं निकल रही हैं। तो रायसेन के पुलिस ताइक्वांडो क्लब के खिलाड़ी भी प्रदेश और देश में धूम मचा रहे हैं। ये दो सुविधाएं न होतीं तो जिले के खिलाडिय़ों की प्रतिभा यहीं दम तोड़ देती।
इनका कहना है
जिले के सातों विकासखंड मुख्यालय सहित जिला मुख्यालय पर सीएम राइज स्कूलों का निर्माण, स्कूलों के खेल मैदानों पर ही किया जा रहा है। जिससे इन स्कूलों के मैदान भी खत्म हो रहे हैं। इससे खिलाडिय़ों को अभ्यास की समस्या तो आएगी।
राजेश यादव, जिला खेल अधिकारी शिक्षा विभाग
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Published on:
01 Sept 2023 04:56 pm
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