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पुलिस के साथ होते हुए भी 6 घंटे तक भटकती रही बलात्कार पीड़िता

थाने में नहीं है महिला पुलिस और अस्पताल में नहीं मिली महिला डॉक्टर।

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रायसेन. जिले के थानों में महिला पुलिस की कमी और अस्पताल में महिला डॉक्टर की कमी किस तरह भारी पड़ती है, इसकी बानगी मंगलवार को गौहरगंज में देखने को मिली। जहां एक बलात्कार पीडि़ता को रिपोर्ट लिखाने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा और फिर मेडीकल कराने के लिए पुलिस को घंटों भटकना पड़ा।

जबकि शासन के आदेश और नियमों के अनुसार पीडि़त महिलाओं की रिपोर्ट लिखने, उनसे पूछताछ करने के लिए महिला पुलिस नियुक्त होना चाहिए। अस्पतालों में महिलाओं के इलाज के लिए हर समय महिला डॉक्टर मौजूद रहना चाहिए। लेकिन गौहरगंज के उक्त मामले में पुलिस ने तीन नजदीकी अस्पतालों के चक्कर काटे, लेकिन कोई महिला डॉक्टर नहीं मिली। मजबूरी में पीडि़ता को भोपाल के सुल्तानिया अस्पताल ले जाना पड़ा।

बढ़ गई पीडि़ता की पीड़ा
गौहरगंज के ग्राम अगरिया निवासी एक गरीब महिला के साथ बलात्कार की घटना दो और तीन दिसंबर की दरमियानी रात हुई थी। उस समय महिला का पति और परिवार के अन्य सदस्य खेत पर थे। मौका पाकर पड़ोसी 28 वर्षीय मतीन पुत्र अहमद नूर में घर में घुसकर 22 वर्षीय महिला के साथ दुराचार किया और भाग गया। घटना के डरी महिला ने मंगलवार दोपहर में अपने देवर को घटना की जानकारी दी। उसके बाद शाम लगभग पांच बजे परिजन उसे लेकर थाने पहुंचे।


भोजपुर से बुलाया महिला एसआई को
नियमानुसार इस तरह के महिलाओं के मामलों में एसआई स्तर की महिला पुलिस की रिपोर्ट दर्ज कर सकती है, वही पूछताछ करती है। चूंकि गौहरगंज थाने में महिला एसआई पदस्थ नहीं है, इसलिए पीडि़ता की रिपोर्ट दर्ज करने भोजपुर से महिला एसआई को बुलाया गया। शाम लगभग सात बजे रिपोर्ट दर्ज हो सकी।

अस्पतालों में नहीं मिली डॉक्टर
गौहरगंज तहसील के चार अस्पतालों में से तीन में एक-एक महिला डॉक्टर पदस्थ है। लेकिन मंगलवार रात किसी भी अस्पताल में महिला डॉक्टर मौजूद नहीं थी। सबसे पहले पुलिस ने गौहरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क किया, वहां महिला डॉक्टर नहीं होने की जानकारी मिलने पर पीडि़ता को लेकर औबेदुल्लागंज अस्पताल पहुंचे, वहां भी कोई महिला डॉक्टर नहीं थी। इसके बाद मंडीदीप अस्पताल पहुंची तो वहां भी कोई महिला डॉक्टर नहीं थी। ऐसे में पुलिस पीडि़ता को लेकर रात 11 बजे सुल्तानिया अस्पताल भोपाल पहुंची, जहां देर रात मेडीकल के बाद महिला को उसके परिजनो के सुपुर्द किया।


इनका कहना है
- तहसील के तीन अस्पतालों में महिला डॉक्टर पदस्थ हैं। मंगलवार रात किसी भी अस्पताल में महिला डॉक्टर की ड्यूटी नहीं थी। किसी भी इमरजेंसी में महिला डॉक्टर को अस्पताल बुलाया जा सकता है, लेकिन इस मामले में पीडि़ता के परिजन उसे भोपाल ले जाना चाहते थे।
डॉ. केपी यादव, बीएमओ औबेदुल्लागंज


- नियमानुसार दुराचार पीडि़ता की रिपोर्ट एसआई स्तर की महिला पुलिस अधिकारी लिख सकती है। गौहरगंज थाने में महिला अधिकारी नहीं होने से भोजपुर से महिला एसआई को बुलाया गया था।
मोनिका शुक्ला, एसपी रायसेन


हम स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्थाएं सुधारने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। रात में भी अस्पतालों में महिला डॉक्टर ड्यूटी करें, इसके लिए निर्देश देंगे।
उमाशंकर भार्गव, कलेक्टर रायसेन