
Farmers of Katni district will cultivate Varsim
रायसेन@शिवलाल यादव की रिपोर्ट
मानसून की बेरूखी से परेशान किसानों को बारिश की बौछारों ने काफी हद तक राहत दी है।फिलहाल खेतों में धान की रोपणी को अब किसान मजदूरों की मदद से खेतों में पूसा वासमती वैरायटी के धान के पौधे रोपाई क राने के काम ने गति पकड़ ली है।बारिश नहीं होने से चिंतित किसानों के चेहरों पर उस समय रौनक लौट आई।जब जोरदार बारिश ने उनकी उम्मीदों को काफी हद तक राहत दी।खेतों में सूख रही किसानों की धान की रोपणी को भी संजीवनी मिल गई है।
बारिश का सिलसिला शुरू होने के साथ ही खेतों में किसानों की खरीफ की प्रमुख फसल पूसा वासमती धान के पौधे खेतों के गढ़ों में रोपाई के काम ने भी गति पकड़ ली है।वहीं कई जगहों पर खेतों में बनाए धान के गढ़ों में लबालब पानी भरने का काम भी चल रहा है।उधर धान के पौधों की रोपाई कराने के लिए किसानों को मजदूरों की तलाश में गांव-गांव जाकर परेशानी उठानी पड़ रही है।धान के पौधे खेतों में लगाने के लिए मजदूर मनमाने दाम लेने के बाद ही काम करने के लिए बमुश्किल राजी हो रहे हैं।किसानों की मजबूरी का फायदा उठाकर मजदूर भी मनमाना मेहनताना की मांग रहे हैं।इसके बाद ही काम करने की बात कर रहे हैं।
बारिश के बाद बतर मिलने से किसानों ने खेतों में रोपणी में से धान के पौधे रोपाई कराने के काम ने गति पकड़ ली है। धान उत्पादित रायसेन जिले में भी बारिश थमने की वजह से किसानोंं ने खेतों में धान रोपाई के काम ने थोड़ी गति धीमी कर दी थी। किसानों ने खेतों की तरफ रूख कर लिया है। जिनके खेत तैयारी हैं वहां धान की रोपणी के बाद रोपाई का काम भी तेज कर दिया है।
कृषि वैज्ञानिक वैज्ञानिक डॉ.स्वप्निल दुबे के अनुसार बारिश जरूरत के लिहाज से कम हो रही है। लेकिन इसे पर्याप्त नहीं कहा जा सकता है। लेकिन बारिश होने से धान की रोपणी खराब होने से बच जाएगी। इधर डीएपी,यूरिया खाद के लिए कर्ज में डूबे किसान सोसायटियों और बाजार में दुकानदारों के यहां चक्कर लगा रहे हैं। बारिश थमने के बाद से ही किसान बाजार में भी खाद के लिए जुगाड़ लगाने रोजाना आने लगे हैं।
मालूम हो कि पिछले साल बाजार की अमनाक नकली खाद के कारण किसानों की सोयाबीन मूंगफली और धान की फसल प्रभावित हुई थी। अमानक खाद को लेकर भी किसान भयभीत हैं। क्योंकि नकली खाद उनकी मेहनत की फसल को बर्बाद कर देती हैं। जिसके चलते किसान खाद बीज बाजार से खरीदने में झिझकते हैं।
रायसेन जिला भी पूसा वासमती धान के उत्पादन में निरंतर आगे बढ़ रहा है। यहां धान का रकबा पहले की तुलना में काफी बढ़ा है। धान की फसल में पानी की जरूरत ज्यादा पड़ती है। बारिश की बेरूखी ने किसानों को चिंता में डाल दिया था। लेकिन बारिश होने से अन्नदाता को फिलहाल थोड़ी राहत मिल गई है। बतर मिलने पर किसान खेतों में धान के पौधों की रोपाई मजदूरों से कराने में जुट गए हैं। मौसम धान की फसल के अनुकूल बन रहा है। जोरदार बारिश होने के आसार फिर से नजर आने लगे हैं।
एनपी सुमन उपसंचालक कृषि अधिकारी
Published on:
09 Jul 2018 12:49 pm
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