
अब डीपीसी देंगे निजी स्कूलों को मान्यता, डीइओ से छीने अधिकार
रायसेन. सरकार ने आरटीइ के तहत अब निजी स्कूलों की मान्यता का अधिकार डीइओ से छीनकर जिला परियोजना समन्वयक यानि डीपीसी को दे दिया है, साथ ही अब निजी स्कूलों को मान्यता के लिए शुल्क भी देना पड़ेगा, जो अब तक नहीं लिया जाता था। सरकार ने मान्यता विलंब शुल्क 10 हजार रुपए से घटाकर पांच हजार रुपए कर निजी स्कूलों को राहत भी दी है। इस संबंध में संचालक राज्य शिक्षा केंद्र धनराजू एस ने 16 जनवरीको आदेश जारी किए हैं।
नए नियमों के अनुसार जिला परियोजना समन्वयक को अब 30 दिन में मान्यता प्रकरण का अनिवार्य रूप से निराकरण करना होगा। यदि वे ऐसा नहीं करते हैं तो पोर्टल स्वत: ही यह प्रकरण कलेक्टर को भेज देगा। इसे डीपीसी की अनुशंसा मानते हुए कलेक्टर निरीक्षण कराएंगे और जांच में मापदंड पूरे न होने पर मान्यता निरस्त कर सकेंगे। वहीं किन्हीं कारणों से डीपीसी मान्यता नहीं देते हैं, तो स्कूल प्रबंधक कलेक्टर के समक्ष 30 दिन में प्रथम अपील प्रस्तुत कर सकेंगे और 30 दिन में कलेक्टर को उसका निराकरण करना होगा। ऐसा नहीं होता है तो द्वितीय अपील आयुक्त या संचालक राज्य शिक्षा केंद्र के समक्ष होगी। रायसेन जिले में कक्षाएक से आठ तक निजी स्कूलों की संख्या 468 है। जबकि कक्षा नौ से 12 तक स्कूलों की संख्या 137 है।
शुल्क का नया बोझ
नई मान्यता के लिए
आदेश अनुसार कक्षा एक से पांचवीं तक यानि प्राथमिक स्कूल की नई मान्यता के लिए संस्था को 05 हजार रुपए शुल्क देना होगा। जबकि मिडिल स्कूल की नई मान्यता के लिए 7500 रुपए तथा प्राथमिक सह माध्यमिक शालाओं के लिए 10 हजार रुपए शुल्क देना होगा।
नवीनीकरण के लिए
मान्यता नवीनीकरण के लिए प्रक्रिया शुल्क के रूप में प्राथमिक स्कूल के लिए 2000 रुपए, माध्यमिक स्कूल के लिए 3000 रुपए तथा प्राथमिक सह माध्यमिक स्कूल के लिए 4000 रुपए प्रतिवर्ष के मान से शुल्क जमा करना होगा।
प्राथमिक से माध्यमिक स्कूल में उन्नयन के लिए नवीनीकरण के साथ कार्रवाई की जाएगी, इसके लिए 5000 रुपए शुल्क देना होगा। स्कूल का नाम, पता अथवा समिति का नाम बदलने के लिए भी 5000 रुपए शल्क जमा करना होगा।
संयुक्त नाम से जमा करना होगी सुरक्षा निधि
अब मान्यता नवीनीकरण के लिए प्रत्सेक स्कूल को सुरक्षा निधि जमा करना होगी। जो संस्था समिति के सचिव तथा डीपीसी के नाम संयुक्त फिक्स डिपॉजिट के रूप में जमा होगी। यह राशि 250 छात्र संख्या तक प्राथमिक स्कूल के लिए 20 हजार रुपए तथा माध्यमिक स्कूल के लिए 25 हजार रुपए, प्राथमिक तथा माध्यमिक दोनो के लिए 30 हजार रुपए होगी। इसी तरह 250 से अधिक छात्र संख्या वाले प्राथमिक स्कूल को 30 हजार, माध्यमिक स्कूल को 35 हजार तथा दोनो के लिए 40 हजार रुपए जमा करना होगा।
इनका कहना है
अशासकीय स्कूलों की मान्यता संबंधी नियमों में बदलाव हुआ है। सरकार ने आरटीई के नियमों का पालन कराने के लिए पारदर्शी व्यवस्था लागू करने के लिए कुछ नियमों में संशोधन कर आदेश जारी किए हैें।
आरसी उपाध्याय, डीपीसी रायसेन
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मान्यता नवीनीकरण के लिए शुल्क की व्यवस्था लागू करना निजी स्कूलों पर अतिरिक्त बोझ है। निशुल्क शिक्षा वाले बच्चों की फीस समय पर नहीं मिलती है। उस पर तमाम शुल्क का बोझ डाल दिया है। यह अनुचित है।
अशोक श्रीवास्तव, अध्यक्ष निजी स्कूल संघ रायसेन
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Published on:
20 Jan 2023 09:07 pm
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